हाईकोर्ट ने 916 विदेशी नागरिकों को छोड़ने की मांग पर केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद क्वारेंटाइन में रखे गए 916 विदेशी नागरिकों को छोड़ने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया है। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने इस मामले को डिवीजन बेंच में सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया । इस मामले पर अगली सुनवाई 26 मई को होगी।

याचिका मोहम्मद जमाल ने दायर किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशीमा मंडला ने याचिका में कहा है कि दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने पिछले 9 मई को एक 916 विदेशी नागरिकों को दिल्ली पुलिस को सौंपने का आदेश दिया। इन विदेशी नागरिकों का एक महीने का क्वारेंटाईन पूरा हो चुका है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस को सौंपने का आदेश संविधान की धारा 14, 21 और 22 का उल्लंघन है।

याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इन विदेशी नागरिकों को छोड़ने का आदेश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि रमजान का महीना चल रहा है और ईद काफी नजदीक है। ऐसे में उन विदेशी नागरिकों को आईसोलेशन में रखना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस के एफआईआर में 567 विदेशी नागरिकों के बारे में यह नहीं बताया गया है कि क्या ये कभी ब्लैकलिस्टेड हुए हैं या कभी उन्हें पुलिस अधिकारियों ने पकड़ा है। किसी व्यक्ति को जांच के लिए हिरासत में रखना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए इन विदेशी नागरिकों को तुरंत रिहा करने का आदेश जारी किया जाए।

पिछले 15 मई को हाईकोर्ट में एक दूसरी याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि तबलीगी जमात के जिन लोगों का क्वारेंटाईन पूरा हो चुका है उन्हें रिहा कर दिया गया है। उसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले लिया था।

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