बाइक स्लिप होने से हाथ-पैर टूटे, फिर भी 20 हजार की रिश्वत लेने पहुंच गया तहसीलदार का बाबू;

बाइक स्लिप होने से हाथ-पैर टूटे, फिर भी 20 हजार की रिश्वत लेने पहुंच गया तहसीलदार का बाबू; लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा

रिश्वत के साथ पकड़ा गया बाबू श्रीकृष्ण बौहरे, हाथ में रिश्वत के 20 हजार रुपए पकड़े हुए, एक दिन पहले एक्सीडेंट में हुआ था घायल।
सिटी सेंटर के जीवन ज्योति नेत्रालय में बाबू को किया ट्रेप, भिंड के मौ तहसील में पदस्थ है
एक दिन पहले ही बाइक स्लिप होने से हादसे में हो गया था घायल

दादा की जमीन पोतों के नाम करने में 3 साल से अडंगा लगा रहे तहसीलदार के बाबू को लोकायुक्त ने 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। बाबू ने किसान को बुधवार सुबह सिटी सेंटर के जीवन ज्योति नेत्रालय में बुलाया था। बाबू के रुपए हाथ में लेते ही लोकायुक्त अफसरों ने उसे ट्रेप कर लिया। मामला भिंड के मौ तहसील के इटायली गांव में 6 बीघा जमीन के नामांतरण का है।

एक दिन पहले एक्सीडेंट में बाबू घायल हुआ था, फिर भी रिश्वत लेने आ गया। पकड़े जाने के बाद बाबू बोला है कि यह रुपए तो उसने अपने पहचान वाले से उधार लिए हैं। लोकायुक्त ने तत्काल नोट निगरानी में लेकर भ्रष्टाचार का मामला बनाया है।

फरियादी हरिसिंह राणा, 3 साल से बाबू जमीन का नामांतरण नहीं कर रहा था।

ग्वालियर के सिरोल स्थित हुरावली सुरक्षा विहार कॉलोनी निवासी हरिसिंह राणा किसान हैं। मूल रूप से वह भिंड के मौ तहसील स्थित इटायली गांव के हैं। वहां उनकी 6 बीघा जमीन है। जिसे हरिसिंह के पिता अपने पोतों के नाम कर गए थे। हरिसिंह मौ तहसील में 3 साल से इस जमीन के नामांतरण के लिए चक्कर लगा रहे थे। इस दौरान दो तहसीलदार भी बदल गए, लेकिन मौ तहसील में पदस्थ बाबू श्रीकृष्ण बौहरे निवासी डीडी नगर उन्हें परेशान कर रहा था। वह जमीन नामांतरण के लिए 30 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा था।

परेशान हो चुके किसान ने उसे सबक सिखाने की ठान ली। वह लोकायुक्त एसपी से मिले और शिकायत की। मामले की जांच टीआई लोकायुक्त कविन्द्र सिंह चौहान को दी गई। उन्होंने किसान को रिकॉर्डर देकर बातचीत करने के लिए कहा। इसमें फरियादी ने पूरी बात रिकॉर्ड की। 30 हजार रुपए से मोल भाव करते हुए 20 हजार में बात तय हो गई।

मंगलवार को होनी थी डील, एक्सीडेंट ने बचा लिया

बातचीत के बाद तय हुआ कि बाबू श्रीकृष्ण बौहरे को उसके घर डीडी नगर में जाकर जगदीश पैसे देगा, लेकिन मंगलवार को बाबू की गाड़ी स्लिप हो गई और वह घायल हो गया। उसके हाथ पैर व चेहरे पर चोट लगी। जिस कारण मंगलवार को उसे ट्रेप नहीं कर सके। बुधवार सुबह जब हरिसिंह ने उसे फोन लगाया तो उसने कहा घर आ जाओ फिर बोला कि मैं सिटी सेंटर जीवन ज्योति नेत्रालय आ रहा हूं वहां आ जाओ। हॉस्पिटल पहुंचकर जैसे ही किसान ने बाबू श्रीकृष्ण बौहरे को 2-2 हजार के 10 नोट थमाए तो वह गिनने लगा।

इसी समय लोकायुक्त TI कविन्द्र सिंह ने उसका हाथ पकड़ लिया। लोकायुक्त का नाम सुनते ही बाबू के चेहरे पर पसीना आने लगा। वह कहने लगा भाई साहब यह रुपए उसने अपने पहचान वाले हरिसिंह राणा से उधार लिए हैं। इसके बाद कैमिकल लगे नोट छूने वाले बाबू के हाथ जैसे ही पानी में डलवाए गए पानी गुलाबी हो गया। लोकायुक्त ने रुपए, बाबू का मोबाइल निगरानी में लेकर तत्काल भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर लिया है। बाबू को सस्पेंड करने के लिए उसके विभाग को लिखा जा रहा है।

परेशान हो गया था

फरियादी हरिसिंह राणा ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनके पिता की 6 बीघा जमीन जिसकी कीमत लगभग 20 लाख रुपए होगी। तीन साल से बच्चों के नाम जमीन के नामांतरण के लिए वह तहसील में चक्कर लगा रहे थे। बाबू फाइल में कोई न कोई कमी निकालकर कभी चुनाव तो कभी समय न होने की बात कहकर टाल रहा था। परेशान हो गए थे। तभी पता लगा कि ऐसे भ्रष्ट लोगों को लोकायुक्त अच्छा सबक सिखाती है। इसके बाद मन में ठान लिया था कि इस बाबू को सबक सिखाकर ही रहेंगे। लोकायुक्त दफ्तर पहुंचे और काम आसान हो गया।

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