GST की अंतिम बाधा पार, राज्यसभा में पास हुआ बिल, 1 जुलाई से हो सकता है लागू

राज्यसभा में वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) बिल पास हो गया है। राज्यसभा से पास हो जाने के बाद अब इसके 1 जुलाई से देश भर में लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। लोकसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका है।
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश किया था। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार संशोधित विधेयकों को पेश किए गया है। विपक्ष की अमेंडमेंट की मांग को खारिज करते हुए जीएसटी बिल 29 मार्च को लोकसभा से पास हो चुका है।

ये बिल सेंट्रल जीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी, यूटी जीएसटी और जीएसटी कंपनसेशन हैं। सरकार इस बिल को मनी बिल के रूप में पेश कर रही है।  बताते चलें कि केंद्र सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू करना चाहती है। इसके बाद देश में सिर्फ एक टैक्स लगेगा। इसके लिए टैक्स का स्लैब भी तय हो गया है।

 

आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं के मूल्यों में कमी होने की संभावना

करीब 14 साल पहले शुरू की गई अप्रत्यक्ष कर सुधार की मुहिम पर लोकसभा ने पहले ही सहमति की मुहर लगा दी है। चार पूरक बिलों के लोकसभा में पारित होने के साथ ही देश भर में एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून को लागू करने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। 

सरकार का नई एकीकृत कर व्यवस्था जीएसटी कानून को 1 जुलाई से लागू करने का लक्ष्य है। जीएसटी से संबंधित चार पूरक बिलों- सेंट्रल जीएसटी, इंटिग्रेटेड जीएसटी, राज्यों को क्षतिपूर्ति दिलाने वाला जीएसटी, और केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी बिल को सदन में पेश करने के बाद हुई मैराथन चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि गरीबों के हितों की रक्षा हेतु खाद्यान्न पर किसी प्रकार का कर लगाने का प्रावधान नहीं है।

जबकि लग्जरी और सेहत के लिए हानिकारक वस्तुओं जैसे बीएमडब्ल्यू गाड़ियां अथवा पान मसाला और तंबाकू जैसी चीजों पर बतौर सेस अतिरिक्त कर लगेगा। हालांकि अभी विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं को कर के चार स्लैबों में समाहित करना बाकी है।

मगर सरकार के सूत्रों के अनुसार जरूरत और आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं के मूल्यों में कमी होने की संभावना है। जबकि लगभग हर प्रकार की सेवाएं, खास कर रेस्टोरेंट में खाना और घूमना-फिरना महंगा होगा।

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