GST पर चर्चा के लिए नहीं होगा शून्यकाल-लंच ब्रेक, सर्वसम्मति बनाने की कोशिश में सरकार
लोकसभा में बिल पर गहन चर्चा से एक दिन पूर्व भाजपा संसदीय दल की बैठक में जेटली ने बिल के एक-एक पहलू से पार्टी सांसदों को अवगत कराया। पीएम मोदी भाजपा सांसदों को पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि वे जीएसटी से होने वाले फायदों को जनता के बीच जाकर गिनाएं।
'GST के पारित होने से पूरे देश में एक राष्ट्र -एक कर प्रणाली'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा संसदीय दल की बैठक में वित्त मंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि इन विधेयकों के पारित होने से पूरे देश में एक राष्ट्र -एक कर की प्रणाली लागू हो जाएगी। देश में जीएसटी के लागू होने से आम आदमी को इसका लाभ मिलेगा।
बैठक के मामलों की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि वित्त मंत्री जेटली ने सांसदों को जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों- केंद्रीय माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (सी-जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर विधेयक 2017 (आई-जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी-जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 के बारे में बताया।
पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि सरकार इन विधेयकों को आम सहमति से पारित कराना चाहती है। दरअसल अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नई वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) प्रणाली को पूरे देश में अमल में लाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए वित्त मंत्री ने सोमवार को जीएसटी से जुड़े चार विधेयक लोकसभा में पेश किए थे। जिसपर बुधवार को लोकसभा में चर्चा होनी है।
इन पर संसद की मुहर और राज्य जीएसटी विधेयक को सभी राज्यों की विधानसभाओं में मंजूरी मिलने के बाद पूरे देश में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने की विधायी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। सरकार का प्रयास 1 जुलाई से देश में जीएसटी लागू करने का है।