अवैध कब्जों की लिस्ट में सीएम योगी का गोरखपुर सबसे आगे, पीएम मोदी की काशी चौथे नंबर पर

भले ही उत्तर प्रदेश में जमीनों पर अवैध कब्जे और भू-माफियाओं के खिलाफ योगी सरकार ने भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर दिया है. लेकिन अवैध कब्जों से निपटना योगी सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

कारण ये है कि प्रदेश में ​सुनियोजित विकास के लिए बनाए गए विकास प्राधिकरणों की ही हालत अवैध कब्जों ने पतली कर रखी है.

यूपी सरकार ने प्रदेश के 32 विकास प्राधिकरणों में ही अवैध कब्जों की जो ​लिस्ट तैयार की है, उसमें समस्या बेहद विकराल दिखाई दे रही है. सूबे के सभी विकास प्राधिकरणो में इस समय 2 लाख 43,416 अवैध निर्माण हैं.

इनमें भी सबसे बुरी हालत गोरखपुर विकास प्राधिकरण की है. सीएम योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद गोरखपुर का विकास प्राधिकरण अवैध कब्जे के मामले में सभी विकास प्राधिकरणों में नंबर वन पोजीशन पर है.

यही नहीं स्वच्छ भारत अभियान में इस साल बेहतर प्रदर्शन करने वाला पीएम मोदी का शहर वाराणसी भी सूबे का चौथा सबसे ज्यादा अवैध निर्माण वाला प्राधिकरण है. नंबर दो पर आगरा और नंबर तीन पर इलाहाबाद हैं. इसी तरह कानपुर पांचवें, दिल्ली से सटा गाजियाबाद छठे, बरेली सातवें, और मुरादाबाद, सहारनपुर व मुजफ्फरपुर का नंबर उसके बाद आता है.

वैसे सूबे के कुछ विकास प्राधिकरण ऐसे भी हैं, जहां अवैघ निर्माण नहीं हैं. इनमें शक्तिनगर, चित्रकूट, कपिलवस्तु अैर बागपत शामिल हैं.

कार्रवाई के नाम पर सभी विकास प्राधिकरणों ने अब तक करीब 1 लाख 32 हजार अवैध निर्माणों के खिलाफ ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया है. यही नहीं 75 हजार से ज्यादा के खिलाफ नोटिस भी जारी किया गया है. लेकिन कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं हुई.

कानून की बात करें तो यूपी सरकार के पास इनसे निपटने के लिए मजबूत कानून है. इसमें अवैध कब्जेदार को जेल तक भेजने की व्यवस्था है. लेकिन अभी तक किसी भी विकास प्राधिकरण ने इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है.

मामले में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह के अनुसार योगी सरकार ने 25 अप्रैल को हुई कैबिनेट बैठक में यूपी में सरकारी व निजी संपत्तियों को अवैघ कब्जों से मुक्त कराने के लिए चार स्तरीय भू-माफिया टास्क फोर्स गठित करने का फैसला किया है.

ये टास्क फोर्स तहसील, जिला, मंडल और राज्य स्तर पर गठित हो रही है. इस अभियान में डीएम से लेकर लोकल थाना प्रभरी तक को जवाबदेह बनाया जा रहा है. सूबे में किसी भी अवैध कब्जेदारी को छोड़ा नहीं जाएगा.

अवैध निर्माण वाले टॉप टेन शहर

1. गोरखपुर— 29,123
2. आगरा— 27,134
3. इलाहाबाद— 26,275
4. वाराणसी— 19456
5. कानपुर— 19,379
6. गाजियाबाद— 18,196
7. बरेली— 15,782
8. मुरादाबाद— 15,671
9. सहारनपुर— 10,807
10. मुजफ्फरनगर— 9989

शक्तिनगर, चित्रकूट, कपिलवस्तु अैर बागपत में एक भी अवैध निर्माण नहीं

मेरठ— 6037
लखनऊ— 5963
हापुड़—पिलखुआ— 5232
अलीगढ़— 5113
मथुरा— 3267
रायबरेली— 2632
अयोध्या—फैजाबाद— 2315
बुलंदशहर— 2200
बांदा— 1131
उन्नाव—शुक्लागंज— 1063
आजमगढ़— 1048
खुर्जा— 967
रामपुर— 700
झांसी— 500
उरई— 272
मिर्जापुर—विंध्याचल— 379
कुशीनगर— 158
शक्तिनगर — 0
चित्रकूट — 0
कपिलवस्तु — 0
बागपत — 0

Leave a Reply