आतंक से लड़ने को जर्मनी तैयार, बुर्के पर ‘बैन’

जर्मनी में बुर्के पर आंशिक तौर पर प्रतिबंध को मंजूरी

बर्लिन
जर्मनी में चरमपंथी हमलों को रोकने के मकसद से मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्का पर आंशिक तौर पर पाबंदी को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा सुरक्षा से जुड़े अन्य कुछ उपायों को भी मंजूरी दी गई है।

नए कानून को मंजूरी सितंबर में होने जा रहे चुनाव और जर्मनी में कई जिहादी हमलों के मद्देनजर दी गई है। हाल ही में बर्लिन के एक किसमस मार्केट में ट्रक से कुचलकर एक आतंकी ने 12 लोगों को मार डाला था।

जर्मनी में भी कुछ दक्षिणा पंथी पार्टियां फ्रांस की तर्ज पर पूरी तरह बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही थीं, लेकिन जर्मनी सरकार ने बुर्के पर आंशिक प्रतिबंध को ही मंजूरी दी है। यह प्रतिबंध ड्यूटी देते समय चुनाव अधिकारियों, मिलिट्री और जुडिशल स्टाफ समेत सरकारी अधिकारियों पर लागू होगा। पूरी तरह से चेहरा ढंकने पर लगे प्रतिबंध में हेल्थ वर्कर्स और पुलिस ऑफिसर्स को छूट दी गई है। हेल्थ वर्कर्स को इन्फेक्शन से खुद को बचाने के लिए और पुलस अधिकारियों को अपनी पहचान छिपाने के लिए चेहरा ढंकने की अनुमति होगी। लोगों को उस समय अपने चेहरे से पर्दा हटाना होगा, जब उनके पहचान के दस्तावेज से उनके चेहरे का मिलान करना होगा। कल शाम निचले सदन द्वारा पारित कानून में उल्लेख किया गया है, 'राज्य का कर्तव्य है कि खुद को वैचारिक और धार्मिक तौर पर निष्पक्ष तरीके से पेश करे।'

जर्मनी ने 2015 से दस लाख से ज्यादा शरणार्थियों को अपने यहां शरण दिया है। इन शरणार्थियों में ज्यादातर मुस्लिम देशों के निवासी हैं। इससे जर्मनी में नस्लीय नफरत की घटना बढ़ी है और जर्मनी में राइट विंग पार्टी लोगों के बीच लोकप्रिय होने लगी है। राइट विंग पार्टियों का आरोप है कि बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने से आतंकवाद का खतरा बढ़ा है।

सुरक्ष के जिन उपायों को मंजूरी दी गई है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक ऐंकल ब्रेसलेट्स का इस्तेमाल भी शामिल है, जो किसी संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली डिवाइस है। अगर फेडरल पुलिस के मामले में कोई व्यक्ति सुरक्षा के लिए खतरा लगता है और जज की मंजूरी मिल जाती है तो ऐसे व्यक्तियों पर इस डिवाइस को इस्तेमाल किया जा सकता है। देश में आने-जाने वाले बाहर के नागरिकों खासकर आतंकवाद प्रभावित देशों के लोगों का पुलिस फोर्स एक डेटा तैयार करेगी। पुलिस, इमर्जेंसी सर्विस और मिलिट्री के जवानों पर हमला करने की स्थिति में काफी कड़ा दंड दिया जाएगा। इस तरह के अपराध करने वाले लोगों को पांच साल की सजा हो सकती है।

जर्मनी ने यह सुधार बर्लिन में हुए 19 ट्रक हमलों के बाद किया है। इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। इटली की पुलिस ने चार दिनों के बाद हमले के संदिग्ध 24 वर्षीय ट्यूनिशियाई नागरिक अनीस आमरी को मार गिराया था। जब लोगों को यह पता चला कि सिक्यॉरिटी सर्विसेज के रेडार पर पहले से आमरी रहा है तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों का कहना था कि उसे काफी पहले ट्यूनिशिया भेज देना चाहिए था। नैशनल और स्टेट पुलिस एवं सिक्यॉरिटी सर्विसेज की कई महीने से आमरी पर नजर थी। उनको जानकारी मिली थी कि उसने कई पते और पहचान का इस्तेमाल किया है और चरमपंथी इस्लामिस्ट्स के संपर्क में रहा है।

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