आर्टिकल 35 A के बहाने कश्मीर में हिंसा की तैयारी में हैं अलगाववादी
आर्टिकल 35 ए को लेकर कश्मीर समेत पूरे देश में बहस छिड़ गई है. इस बीच खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि घाटी में अलगाववादी सगंठन और सीमा पार की पाकिस्तान खुफिया एजेंसी इस आर्टिकल के बहाने एक बड़ी साजिश रचने की तैयारी में हैं.
सूत्रों का कहना है कि टेरर फडिंग केस में पकड़े गए अलगाववादियों के खेमे के लिए यह एक नया मुद्दा हो सकता है. पाकिस्तान चाहता है कि इस मुद्दे पर कश्मीर में बड़ी हिंसा फैलाई जाए. खुफिया एजेंसियों को ये भी जानकारी मिली है कि मंत्रियों और विधायकों पर भी हमले करवाए जा सकते हैं. साथ ही '35 ए' की आड़ में युवाओं से पत्थरबाजी करवाई जा सके.
क्या है अनुच्छेद 35A
अनुच्छेद 35A के तहत संविधान की एक विशेष ताकत जम्मू–कश्मीर की विधानसभा को दी गई है. इसके तहत वह अपने आधार पर ‘स्थायी नागरिक’ की परिभाषा तय कर सकते हैं. साथ ही उन्हें चिन्हित कर विभिन्न विशेषाधिकार भी दिया जा सकता है. धारा 370 जम्मू–कश्मीर को कुछ विशेष अधिकार प्रदान करता है. 1954 के एक आदेश के बाद अनुच्छेद 35A को संविधान में जोड़ा गया था.
उमर अब्दुल्ला ने दी थी चेतावनी
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को इस मामले में चेतावनी भी दी थी. उन्होंने कहा था अगर अनुच्छेद 35A को छेड़ा तो कश्मीर में वो होगा जो कभी नहीं हुआ. इस मसले पर उनकी पार्टी ने विपक्षी दलों की एक बैठक कर कहा था, राज्य के स्पेशल स्टेटस से छेड़छाड़ की स्थिति में पूरा विपक्ष एकजुट है और हम सभी एक साथ इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे.