ओपिनियन पोल: गुजरात में मोदी को कोई और नहीं सिर्फ मोदी ही हरा सकते हैं!

गुजरात चुनाव तारीखों का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के बीच में चुनावी जंग शुरू हो चुकी है. चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने ओपिनियन पोल कराया, जिससे साफ है कि भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर अपने गढ़ गुजरात को बचाने में सही साबित हो रही है.

 

पिछले कुछ समय से भले ही राज्य में GST, नोटबंदी को लेकर व्यापारियों में बड़ी बेचैनी के बावजूद, पाटीदार-ओबीसी-ठाकोर-दलितों के आंदोलन हो रहे हों, लेकिन लोगों का भरोसा अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है. 182 विधानसभा सीटों के लिए कराए गए ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी 115 से 125 सीटों पर जीत का परचम लहराने जा रही है. गुजरात की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के खाते में 57 से 65 सीटें आती दिख रही हैं.

 

विपक्ष नहीं बड़ा खतरा!

 

हालांकि, सर्वे के सभी पहलुओं पर नज़र डालें, तो नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी को अपने गृहराज्य में कांग्रेस या फिर तीन युवा पाटीदार नेताओं से इतना भी खतरा नहीं है. भले ही इन सभी की रैलियों में भीड़ उमड़ रही हो या फिर विपक्ष लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहा हो.

 

गुजरात में किसे कितना वोट? (पहली स्थिति)

 

बीजेपी: 48%

 

कांग्रेस+अल्पेश ठाकोर+जिग्नेश मेवाणी: 38%

 

हार्दिक समर्थित पार्टी: 2%

 

अन्य(वाघेला समर्थित पार्टी+AAP):12%

 

गुजरात में किसे कितनी सीट? (पहली स्थिति, कुल सीट-182)

 

कांग्रेस+अल्पेश ठाकोर+जिग्नेश मेवाणी: 57-65 सीट

 

बीजेपी: 115-125 सीट

 

हार्दिक समर्थित पार्टी: 0 सीट

 

अन्य(वाघेला समर्थित पार्टी+AAP):0-3 सीट

 

क्या रहेगी दूसरी स्थिति?

 

अगर हार्दिक पटेल आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान करते हैं तो क्या रुख रहेगा. एक्सिस माई इंडिया के पोलस्टर्स के मुताबिक अगर हार्दिक खुले तौर पर कांग्रेस के समर्थन का ऐलान करते हैं तो इस पार्टी का वोट शेयर 38% से बढ़कर 40% हो सकता है. ऐसी सूरत में कांग्रेस को 5 से 10 और सीटों का फायदा हो सकता है. इतना ही नुकसान बीजेपी को सीट संख्या में हो सकता है.

 

मोदी की राह में खुद मोदी!

 

लेकिन गुजरात में अगर नरेंद्र मोदी की जीत में कोई रोड़ा बन सकता है तो वह खुद नरेंद्र मोदी ही हैं. जी, सर्वे के दौरान लोग मोदी सरकार के कई फैसलों से लोग नाखुश दिखाई दिए हैं. जो कि चुनाव में बीजेपी के लिए खतरा बन सकते हैं. मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले से काफी नाखुश दिखाई दिए.

 

जीएसटी पर लोगों का क्या कहना है?

 

– 51 फीसदी लोग जीएसटी से असंतुष्ट हैं.

 

– 38 फीसदी लोग जीएसटी से संतुष्ट हैं.

 

– 11 प्रतिशत लोगों ने जीएसटी पर अपनी राय नहीं रखी.

 

नोटबंदी से क्या लाभ मिला?

 

– 44 फीसदी लोगों ने कहा हां

 

– 33 फीसदी लोगों ने कहा ना

 

– 3 फीसदी लोगों ने कोई विचार नहीं रखा

 

बीजेपी सरकार से कितने संतुष्ट हैं गुजरात के किसान?

 

पीएम मोदी लगभग हर भाषण में कहते हैं कि उनका लक्ष्य किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का है. लेकिन सर्वे की मानें तो गुजरात के किसान ही बीजेपी सरकार से संतुष्ट नहीं है.

 

– संतुष्ट किसान- 38%

 

– असंतुष्ट किसान- 49%

 

– बेहद गुस्सा- 7%

 

– ज्यादा गुस्सा नहीं- 2%

 

– जानते नहीं- 4%

 

क्या हैं गुजरात के सबसे बड़े मुद्दे?

 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को ही प्रेस कान्फ्रेंस कर सरकार की तारीफ की. जेटली ने कहा कि सरकार ने महंगाई पर लगाम कसी है. लेकिन सर्वे की मानें, तो गुजरात में चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा ही महंगाई है. यानी लोग बढ़ती महंगाई से परेशान हैं, दूसरा बड़ा मुद्दा है रोजगार का.

 

महंगाई-31%

 

रोजगार-24%

 

विकास-16%

 

सड़क-9%

 

पानी-6%

 

कृषि- 4%

 

बिजली-3%

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