ओवैसी बोले- हाफिज सईद दुनिया भर के लिए दहशतगर्द, मैं उसकी मौत मांगता हूं

रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर देश की राजनीति गर्म है. सरकार का कोई साफ रुख सामने आया नहीं है, सरकार भी इस मुद्दे को लेकर पशोपेश में है. 'आजतक' के खास कार्यक्रम 'टक्कर' में इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी आमने-सामने थे. वैसे जब भी टीवी डिबेट में ये दोनों आमने-सामने होते हैं दोनों के बीच जमकर जुबानी जंग होती है. रोहिंग्या मुद्दे पर बहस के दौरान ओवैसी ने कहा कि आतंकवादी हाफिज सईद को लेकर बड़ा दे दिया.

तस्लीमा बहन तो रोहिंग्या भाई क्यों नहीं?

दरअसल रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर सरकारी स्टैंड पर सवाल उठाते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर तस्लीमा नसरीन भारतीयों की बहन हैं तो रोहिंग्या हमारे भाई क्यों नहीं हो सकते. इसके जवाब में संबित पात्रा ने कहा कि ओवैसी इम मुद्दे को मजहबी रंग देने की कोशिश कर रहे हैं और इससे वो बाज आएं.

हाफिज सईद पर ओवैसी का बड़ा बयान

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मानें तो सरकार रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ गलतबयानी कर रही है. 'आजतक' पर डिबेट के दौरान जब संबित पात्रा ने सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान में मौजूद भारत का सबसे बड़ा दुश्मन और आतंकियों के सरगना हाफिज सईद को लेकर सवाल दागा और पूछा कि आपकी नजर में ये आतंकवादी है या नहीं?

जिसके जवाब में ओवैसी ने कहा कि दुनिया भर के लिए हाफिज सईद दहशतगर्द है, और वो अल्हा से उसकी मौत की मांग करते हैं. ओवैसी ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि हाफिज सईद दहशतगर्द है, मैं अल्हा से मांग करते हैं उसे इस काम के लिए मौत दे.'

रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सरकार उधेड़बून में

बता दें, इसी हफ्ते केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि, 'रोहिंग्या मुसलमान देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है और इस समुदाय के लोग आतंकी संगठनों से भी जुड़े हो सकते हैं'. हालांकि, कोर्ट से सरकार ने इसे होल्ड करने की अपील की है. अब राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है कि सही में रोहिंग्या मुसलमान देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं या फिर इसके पीछे राजनीतिक कारण है.

सुप्रीम कोर्ट की शरण में मामला

गौरतलब है कि गृह मंत्रालय के मुताबिक, वैध तौर पर 14 हजार से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भारत में रह रहे हैं. जबकि 40 हजार से ज्यादा ऐसे हैं, जो अवैध रूप से शरण लिए हुए हैं. इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे पर रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा भी उठा था. वहीं रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को भारत से बाहर निकाले जाने के सरकार के कदम के बीच समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. समुदाय ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि उनका आतंकवाद और किसी आतंकी संगठन से कोई लेना-देना नहीं है.

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