कश्मीर: इश्क और अय्याशी में शामिल आतंकवादी, कुछ समलैंगिक भी

 नई दिल्ली . आम तौर पर माना जाता है कि आतंकवादियों को ट्रेनिंग इस तरीके से दी जाती है कि उनका दिमाग आतंकी साजिश के अलावा कुछ और नहीं सोच पाता। उनका 'ब्रेनवॉश' कुछ इस तरह किया जाता है कि उनका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ अपने कथित 'जिहाद' पर रहता है, लेकिन बीते एक से डेढ़ साल के बीच घाटी में जिन आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है, या जो आतंकी फिलहाल ऐक्टिव हैं, उनके बारे में ऐसी जानकारियां सामने आई हैं, जो आतंकवादियों की इस छवि को तोड़ने का काम कर रही हैं। चाहे बात कश्मीर के स्थानीय आतंकवादियों की हो यो पाकिस्तान से आने वाले विदेशी आतंकियों की, इनमें से ज्यादातर अय्याशी और प्रेम संबंधों में शामिल रहे हैं।

पिछले दिनों एनकाउंटर में मारा गया लश्करतैयबा का कमांडर अबू दुजाना उन आतंकवादियों में से था जो अय्याशी और कथित प्रेम संबंधों की खातिर अपने 'मिशन' को भी एक तरफ रख देता था। हैरानी की बात यह है कि आतंकवादियों का यह कथित प्यार या वासना सिर्फ महिलाओं के प्रति नहीं, बल्कि पुरुषों के लिए भी रही है यानी कुछ आतंकवादी गे (समलैंगिक) भी रहे हैं। त्राल में हिज्बुल मुजाहिदीन के एक कमांडर की यही कहानी है। इसके अलावा इस साल 15 जनवरी को मारे गए अनंतनाग के एक आतंकवादी आदिल अहमद रेशी से संबंध श्रीनगर की एक विवाहित महिला के साथ थे।

हाल के दिनों में मारे गए आतंकियों के अलावा इस वक्त घाटी में ऐक्टिव आतंकियों की फाइलें देखने पर पता चलता है कि किस तरह इन आतंकियों ने अय्याशी के लिए कई बार अपनी जान को भी ताक पर रख दिया। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, लश्करतैयबा, जैशमोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों के कम से कम 14 आतंकवादी ऐसे हैं जो अय्याशी में शामिल थे। इनमें से 8 आतंकियों को 26 दिसंबर, 2015 से लेकर 5 अगस्त, 2017 के बीच मार डाला गया, जबकि एक को सरेंडर करने पर गिरफ्तार किया गया।  फिलहाल ऐसे पांच आतंकवादी घाटी में ऐक्टिव हैं। इनमें हिज्बुल का आतंकी सयार वानी सुरक्षा बलों के रडार पर है जो कुलगाम में छुपने के लिए अपनी 'गर्लफ्रेंड्स' के घरों का इस्तेमाल करता है और बंदूक की नोक पर उनका फायदा उठाता है। बताया जा रहा है कि इन दिनों यरीपोरा की एक लड़की के साथ उसके संबंध हैं।

 

त्राल के रहने वाल मोहम्मद इशाक नाम के एक आतंकवादी के बारे में बताया जाता है कि उसके समलैंगिक संबंध हैं। पुलिस को दिसंबर 2015 से उसकी तलाश है। जाहिर है कि इन 'अवैध संबंधों' के चलते आतंकी सीधे तौर पर अपनी सुरक्षा से जुड़ा जोखिम उठाते हैं। अय्याशी के लिए जाने के दौरान कई बार आंतकियों की मूवमेंट के बारे में सुरक्षा बलों को जानकारी मिल जाती है। इसके अलावा जिन लड़कियों को वे इस्तेमाल कर के छोड़ देते हैं, वे कई बार पुलिस को उनकी जानकारी भी दे देती हैं।

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