कांग्रेस आलाकमान को ‘खुश’ करना चाहते थे डीके शिवकुमार
बेंगलुरु . कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार की राजनीतिक महात्वाकांक्षाओं ने उनका 'खेल खराब' कर दिया। गुजरात के 44 कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरु में सुरक्षित रखने का काम करके वह कांग्रेस आलाकमान को 'खुश' करना चाहते थे, लेकिन ऐसा करके वह केंद्र की 'नजर' में आ गए। खास बात यह है कि शिवकुमार ने प्रदेश कांग्रेस के अन्य नेताओं से बात किए बिना ही यह जिम्मेदारी ली थी। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि डीके के खिलाफ जांच को अब प्रवर्तन निदेशालय अपने हाथ में ले सकता है जिससे उनकी मुश्किलें बढ़नी तय हैं।
बुधवार रात लगभग 2 बजे पुलिस की पट्रोलिंग वैन ने सदाशिवनगर (डीके शिवकुमार का इलाका) से गुजरते हुए कुछ लोगों को टूरिस्ट गाड़ियों में 'संदिग्ध रूप' से घूमते हुए देखा। कुछ देर बाद वे गाड़ियां इलाके से गायब हो गईं। लगभग 3 घंटे बाद ये 'संदिग्ध' लोग लौट कर आए। इस बार उनके साथ सीआरपीएफ के जवान भी थे और इस टीम ने दस्तक दी डीके शिवकुमार के घर के दरवाजे पर। दरअसल, ये आईटी विभाग के लोग थे जो छापेमारी के लिए यहां पहुंचे थे। इस छापेमारी ने कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक की सियासत में उबाल ला दिया। गुरुवार को भी शिवकुमार के घर इनकम टैक्स का छापा जारी रहा।
शिवकुमार कांग्रेस के लिए कई तरह के काम करते रहे हैं। वे फंड जुटाने के साथ-साथ सभाओं में भीड़ जुटाने का काम करते रहे हैं। पार्टी पर संकट आने की स्थिति में वह हमेशा काम आए हैं। उनकी कामयाबी की कहानी भी असाधारण रही है। एक गरीब परिवार में पले बढ़े शिवकुमार का आज रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा के क्षेत्र में भी कारोबार है। कोऑपरेटिव सोसायटियों और चीनी मिलों में भी वह दखल रखते हैं। जानकार बताते हैं कि उनका साम्राज्य हजारों करोड़ का है। वह भारत के दूसरे सबसे अमीर मंत्री हैं।
प्रदेश कांग्रेस के एक अन्य नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि आयकर विभाग शिवकुमार के खिलाफ किसी भी केस में छापे मार सकता था। उन्होंने कहा, 'अगर उन्होंने गुजरात कांग्रेस के विधायकों को अपने रिजॉर्ट में न रखा होता, तब भी उनके यहां छापे पड़ते क्योंकि आईटी विभाग उनके खिलाफ पिछले कुछ महीनों से लगा हुआ है। उन्हें दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर समन भी किया गया था। इसके बाद कुछ महीनों पहले ही उनके सहयोगियों और कुछ बिजनस वेंचर्स पर छापा पड़ा था। उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए सदाशिवनगर में छापेमारी की गई है।'