चीन की नई साजिश, लद्दाख में बना रहा पुल, भारत की आपत्ति

नई दिल्ली .  डोकलाम पर भारत और चीन के बीज जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। लद्दाख में चीन लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के नो मेन्स लैंड में पुल बना रहा है। भारतीय सेना ने बताया कि इस मसले को सरकार के सामने उठाया गया है। मोदी सरकार ने पुल निर्माण को लेकर आपत्ति जताई है।

भारत से निपटने के लिए युद्ध के अलावा चीन के पास पानी से हमले का विकल्प भी है। रक्षा जानकारों का कहना है कि ऐसा करके चीन भारत के कई राज्यों में ऐसी तबाही ला सकता है कि लाखों लोग बेघर हो जाएंगे। कई नदियां चीन से होकर भारत में आती हैं। चीन अगर ब्रह्मपुत्र, सतलुज और सिंधु नदी पर बने बांधों में पानी कुछ समय के लिए रोक ले और फिर पानी को एक साथ छोड़ दे, तो भारत के कई राज्य पानीपानी हो जाएंगे। ये पानी ऐसी तबाही लाएगा, जिससे लाखों लोग प्रभावित होंगे। 2012 में पूर्वोत्तर के राज्यों में चीन ने बिना पूर्व चेतावनी के बांध का पानी छोड़ दिया था। इससे काफी नुकसान हुआ था।

वहीं नाथू ला में भारतीय सेना और चीन की सेना के बीच शुक्रवार को होने वाली बैठक नहीं हो पाई। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'बैठक के लिए हमारी तरफ से इंतजाम किए गए थे, लेकिन चीनी पक्ष इसके लिए नहीं पहुंचे।' चीन के नकारात्मक रुख के चलते दोनों सेनाओं के बीच 15 अगस्त को होने वाली बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) पर भी सवालिया निशान लग गया है। फिलहाल, हालात तनावपूर्ण हैं और सेना ने सिक्किम से अरुणाचल प्रदेश तक लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है।

व्यापार युद्ध की आशंका

दूसरी ओर चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि भारत चीन के बीच व्यापार युद्ध की आशंका गहराती नजर रही है। डोकलाम में सैन्य गतिरोध के बीच भारत ने 93 चीनी उत्पादों पर डंपिंगरोधी शुल्क लगा दिया है। भारत को आगाह किया गया है कि वह अपने इन खराब फैसलों के संभावित परिणामों का सामना करने को तैयार रहे।

बहिष्कार के बीच चीन से आयात बढ़ा

 

चीनी सामान के बहिष्कार के बीच चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत ने 11 हजार करोड़ रुपये का सामान चीन से आयात किया जबकि पिछले वर्ष की पहली तिमाही में आठ हजार करोड़ रुपये का सामान आयात किया गया था। रुपये के मजबूत होने से भारतीय कारोबारी ज्यादा सामान का आयत कर रहे हैं।

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