जेतली ने लगातार 3 बजट में शायरी की लगाई हैट्रिक

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज संसद में बजट पेश करते हुए फिर से शायरी पढ़ी। उन्होंने कहा कि जो बात नई है, उसे अपनाइए आप। डरते हैं क्यों नई राह पर चलने से, हम आगे आगे चलते हैं आईए आप। इस शायरी के साथ ही जेतली ने लगातार 3 बजट में शायरी की हैट्रिक लगा दी है। 

पहले बजट में भी जेतली ने की थी शायरी
पिछले साल के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा था कश्ती चलाने वालों ने जब हार कर दी पतवार हमें। लहर लहर तूफान मिलें और मौज-मौज मझधार हमें। फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको। इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें। जेटली ने साल 2015 में अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कुछ तो फूल खिलाये हमने और कुछ फूल खिलाने हैं। मुश्किल ये है बाग में अब तक, कांटें कई पुराने हैं। 

मनमोहन भी कर चुके हैं शायरी
साल 1991-92 में वित्त मंत्री रहे मनमोहन सिंह ने लेखक विक्टर ह्यूगो का उल्लेख कर कहा था कि जिस विचार का समय आ गया है उसे धरती की कोई भी शक्ति नहीं नकार सकती।

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