तमिलनाडु में जोर पकड़ा जल्लीकट्टू आंदोलन, मोदी से मिलने पहुंचे CM
सांड़ों की लड़ाई के खेल जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध हटाने की मांग समूचे तमिलनाडु में जोर पकड़ने के बीच यहां मरीना बीच पर आज भी सैकड़ों छात्र जमा हुए हैं। वहीं, सड़कों पर रोष बढ़ने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेलवम ने फौरन एक अध्यादेश लाने की मांग करते हुए गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने सात लोक कल्याण मार्ग पहुंचे।
मुख्यमंत्री के साथ अन्नाद्रमुक के 49 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, कल सुबह मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलूंगा और उनसे जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटाने के लिए एक अध्यादेश लाने का अनुरोध करूंगा। इसलिए, मैं सभी प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन रोकने की अपील करता हूं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर लोगों के साथ है।
अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया और कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में जल्लीकटटू पर से प्रतिबंध हटाने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया जायेगा।
शशिकला ने कांग्रेस और भाजपा पर भी खेल कराने में असफल रहने को लेकर निशाना साधा। उन्होंने प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए विद्यार्थियों और युवाओं को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार खेल के आयोजन हेतु प्रतिबद्धता से प्रयास कर रही है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में इस पर लगाए गए तथा पिछले वर्ष बरकरार रखे गए प्रतिबंध को हटाने के लिए केन्द्र से भी संपर्क किया है।
वहीं, जल्लीकट्टू के लिए इजाजत मांगने वालों में आईटी क्षेत्र के कर्मचारी तथा कई और फिल्मी कलाकार भी शामिल हो गए हैं।
इस बीच, नयी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र की जनवरी 2016 की अधिसूचना ने जंतु देखभाल की चिंताओं से सामंजस्य बिठाते हुए इस पारंपरिक खेल की इजाजत दी थी। यह फिलहाल कानूनी पड़ताल के दायरे में है और अनुकूल फैसला आएगा।