तीन पड़ोसी देशों का आरोप, पाकिस्तान कर रहा आतंक का निर्यात

ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी की पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने की चेतावनी के बाद पाकिस्तान के तीन अन्य पड़ोसियों ने सीमा पार आतंकवाद का आरोप लगाया है।
 
पिछले महीने आतंकियों के हमले में ईरान के बॉर्डर गार्ड के 10 सैनिक मारे गए थे जिसपर ईरान ने चेतावनी दी थी कि वो सर्जिकल स्ट्राइक करने पर विचार कर सकता है। सुन्नी आतंकी संगठन जैश-अल-अदल ने इस हमले को अंजाम दिया था जिसे पाकिस्तान आश्रय देता रहा है। 

ईरान के अलावा भारत और अफगानिस्तान पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे हैं। अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान को पोषित करने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। तालिबान विकास परियोजनाओं पर हमला, विदेशी नागरिकों का अपहरण और क्षेत्र में कट्टरपंथी इस्लाम को लागू करने की मांग लगातार करता रहा है। 

पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी संगठन तालिबान का इरादा अफगानिस्तान के क्षेत्र पर अपना नियंत्रण सुनिश्चित करने का है। इसके अलावा वो सरकार पर दबाव भी बनाना चाहती है। यह पाकिस्तान की इस रणनीतिक सिद्धांत का भी हिस्सा है जिससे अफगानिस्तान पिछड़ा ही रह जाए। 

यह सिद्धांत पाकिस्तान की भारत रणनीति से भी जुड़ा हुआ है। भारत में पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर और बाकी के हिस्सों में आतंकवादी हमलों के लिए भेजा जाता है। जिहादी संगठनों का एक घना नेटवर्क पाकिस्तान और अफगानिस्तान में काम करता है और भारत में अपना मकसद पूरा करने के लिए प्रशिक्षित फाइटर्स को भेजता है। 

भारत ने पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा देने  और प्रायोजित करने का आरोप लगाया है, जो भारतीय सेना और आम नागरिकों पर आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार हैं।

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