दुनिया की आंखों में धूल झोंक रहा पाक, हाफिज की नजरबंदी की पोल खोलता वीडियो सामने आया

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद की पाकिस्तान में नजरबंदी के दिखावे की पोल खुल गई है। सूत्रों के मुताबिक हाफिज सईद का लाहौर का दफ्तर खुला हुआ है।

हाफिज के दफ्तर का वीडियो मिला है, जिससे पता चलता है कि हाफिज की नजरबंदी का कम से कम उसके कामकाज पर रत्ती भर असर नहीं पड़ा है.  उसके दफ्तर में रोज की तरह कामकाज होता रहा.  हाफिज सईद का ये दफ्तर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के घर के करीब है.

वीडियो में दिखाया गया है कि लाहौर के मॉडल टाउन में लश्करे तैयबा का दफ्तर बेखौफ खुला हुआ है. लश्कर का हेडक्वार्टर लाहौर के करीब मुरीदके में है. मॉडल टाउन स्थित दफ्तर से कई आतंकी गतिविधियां संचालित होती हैं.

हाफिज सईद ने मोदी और ट्रंप को कोसा

हाफ़िज़ ने पाकिस्तान में नजरबंद होने के बावजूद मीडिया से बात की. उसने अपने ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई का ठीकरा भारत पर फोड़ा और कहा कि पाकिस्तान सरकार ने अमेरिका के दबाव में आकर उसे नज़रबंद किया. हाफ़िज़ ने दावा किया कि भारत के कहने पर ही अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए दबाव डाला. सईद ने कहा कि जो भारत कह रहा है वो ट्रम्प कर रहा है, मोदी चाहते हैं कि मेरी गिरप्तारी हो.

अपने ख़िलाफ़ कस रहे शिकंजे से बेपरवाह आतंक के इस आका ने नज़रबंद किए जाने के फैसले को अदालत में चुनौती देने की बात कही. उसने कहा कि इससे पहले भी बार-बार नजरबंद किया गया है. मैं अदालत में खड़ा होऊंगा, चैलेंज करूंगा. अब सवाल उठ रहे हैं कि पाकिस्तान सरकार की ये कार्रवाई महज़ दिखावा है, क्योंकि नज़रबंदी के बावजूद हाफ़िज़ सईद को हर सुख-सुविधा मयस्सर है. जानकारों की दलील है कि पाकिस्तान ने अमेरिका की आंखों में धूल झोंकने के लिए हाफ़िज़ सईद की नज़रबंदी का ड्रामा रचा है.

घर में आराम फरमा रहा आतंकी

दरअसल हाफिज सईद को चौबुर्जी की मस्जिद ए कद्सिया से गिरफ्तार करने के बाद लाहौर पुलिस उसे उसके घर 116 E, जौहर टाऊन लाहौर लाई और उसे यहीं नजरबंद कर दिया गया. जाहिर है कि ये कार्रवाई महज दिखावे के लिए की गई है. हाफिज सईद को उसके घर के अंदर तमाम सुविधाएं मुहैया हैं. वो घर के अंदर से ही अपने लोगों के साथ संपर्क साधकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है.  ऐसे में भारत चाहता है कि पाकिस्तान सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि असल में हाफिज सईद पर कार्रवाई करे.

आतंकवाद पर ईमानदारी से कार्रवाई करे पाक

वहीं केंद्र सरकार ने इसे आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय घेरेबंदी का नतीजा बताया. पाकिस्तान के इस दिखावे वाली कार्रवाई पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने News18 से कहा कि हाफिज सईद की इस तरह नजरबंदी पहले भी की जा चुकी है. आतंकवाद के प्रति सख्ती से कदम उठाने के लिए पाकिस्तान को ईमानदारी से कार्रवाई करनी चाहिए.

अमेरिका के हड़काने पर ‘कार्रवाई’

सूत्रों के मुताबिक सईद पर यह कार्रवाई अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी और अमेरिका के सहायक सचिव की बैठक के बाद की गई. इसमें जिलानी को संदेश दिया गया कि वे लश्कर द्वारा चलाए जा रहे तमाम संगठनों पर शिकंजा कसें. हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर आर्थिक लगाम लगाने को कहा गया है. अमेरिका ने आतंकी हाफिज सईद पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (तकरीबन 67 करोड़) का ईनाम भी रखा हुआ है.

पाक के गृहमंत्री ने किया इनकार

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक मुस्लिम देशों के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सख़्ती ने पाकिस्तान के होश उड़ा दिए हैं. ऐसे में उसे डर सता रहा है कि ट्रंप पाकिस्तान से आने वाले मुस्लिमों पर भी कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं. लिहाजा पाकिस्तान ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का दिखावा करने के लिए हाफ़िज़ पर कार्रवाई की है. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने दिखावे के आरोपों से साफ़ इनकार किया है. पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार अली ख़ान ने दावा किया कि हाफ़िज़ सईद और उसके संगठन की गतिविधियों पर लंबे समय से नज़र रखी जा रही थी.

इसी बीच बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान से भारत लाने की वकालत की. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान को बोलना चाहिए कि जब तक हाफिज को भारत को नहीं सौंपा जाएगा, तब तक हम सबक सिखाएंगे.

जमात-उद-दावा का बदल सकता है नाम

बताया जा रहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव की वजह से पाकिस्तान हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर भी प्रतिबंध लगा सकता है, जिसकी वजह से हाफिज अपने संगठन का नाम बदलकर तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर रखने की फ़िराक में है.

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद फिलहाल पाकिस्तान के लाहौर में नजरबंद है. ये तो तय है कि पाकिस्तान ने ये कार्रवाई भारत के दबाव और अमेरिकी फटकार के बाद की है, लेकिन सवाल ये भी है कि क्या हाफिज सईद की नजरबंदी महज दिखावा है या फिर असल में पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कोई कदम उठाएगा. डोनाल्ड ट्रंप के इस्लामिक कट्टरपंथ पर कड़े रुख के बाद पाकिस्तान सरकार ने आतंक के आका के पैरों में नजरबंदी की बेड़ियां भले डाली हैं लेकिन वो नजरबंदी में रहकर भी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता रहेगा.

पाक पर आतंकी देश घोषित होने का खतरा

जो पाकिस्तान अब तक ये मानने को तैयार नहीं था कि हाफिज सईद का आतंकवाद से कोई लेना देना है, उसने सईद को नजरबंद तो कर दिया है। दरअसल पाकिस्तान आतंकवादी देश घोषित होने से डरा हुआ है. नजरबंदी के बाद पाकिस्तान के ऊपर भारत और अमेरिका की ओर से हाफिज सईद पर कानूनी कार्रवाई करने का दबाव बना हुआ है. अगर अब भी पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो उसके आतंकवादी देश घोषित होने का खतरा भी मंडरा रहा है.

पाक को कई सबूत सौंपे जा चुके

पाकिस्तान को भारत अब तक कई ऐसे दस्तावेज सौंप चुका है, जिसमें हाफिज सईद के कई आतंकी हमलों में शामिल होने के ठोस सबूत हैं. मुंबई हमले पर सौंपे गए डोजियर में हाफिज सईद के शामिल होने के सबूत हैं. हाफिज सईद के वॉइस सैंपल भी सूबतों के तौर पर सौंपे गए हैं, जिनमें हाफिज सईद आतंकवादियों को कराची में बैठकर निर्देश दे रहा था. इसके अलावा संसद हमले में भी हाफिज सईद के शामिल होने के सबूत हैं. इसके अलावा भी हाफिज सईद भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है.

फिलहाल पाकिस्तान भले हाफिज सईद पर दिखावे के लिए कार्रवाई कर रहा हो, लेकिन अपने लिए ढाल के तौर पर चला ये दांव पाकिस्तान के लिए तलवार भी साबित हो सकता है. ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के खिलाफ पहले ही सख्त रुख अपनाए हुए है. आने वाले समय में अगर पाकिस्तान आतंकवाद के लिए कठोर रुख नहीं अपनाता तो ये उसे महंगा भी पड़ सकता है.

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