नेवी से बर्खास्त ट्रांसजेंडर के लिए दूसरे जॉब पर विचार किया जाए: दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने सेक्स चेंज करवाकर लड़का से लड़की बने नेवी सेलर को केंद्र और नेवी से कोई दूसरा जॉब देने पर विचार करने को कहा है। बता दें कि मनीष कुमार गिरी नेवी में सेलर की पोस्ट पर थे। वह पिछले साल अपना सेक्स बदलवाकर लड़की बन गए थे और सबी नाम रख लिया था। इसके बाद नेवी ने उन्हें यह कहकर बर्खास्त कर दिया गया था कि सेलर की पोस्ट पर महिला को रखने का नियम नहीं है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 नवंबर तय की है।

– जस्टिस जीएस सिस्तानी और वीके राव की बेंच ने एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन को सलाह दी, "आप उसे अनुशासनहीनता के लिए सजा दे सकते हैं, लेकिन यह भी है कि आप उसे समायोजित (accommodate) कर सकते हैं।" एएसजी जैन केंद्र सरकार और नेवी की ओर से पेश हुए थे।

– बेंच ने कहा कि आर्म्ड फोर्स में यह अपनी तरह का पहला मामला है। साथ ही नेवी से कहा कि वह इस ट्रांसजेंडर को दूसरा कोई जॉब देने के बारे में विचार करे।

हालात को दबाता तो खतरनाक हो सकता था

– बेंच ने कहा, "इसे अलग तरह से देखने का मौका है। यह दायरे से बाहर की स्थिति है। यह शायद अपनी तरह का पहला मामला है। वह जेंडर आईडेंटिटी से जूझ रहा शख्स है। वह इस स्थित को दबाए रखता तो खतरनाक हो सकता था। घातक हो सकता था। इस पर दोबारा विचार करें।"

सोच में बदलाव की जरूरत

– बेंच ने कहा, "आज के हालात में सोच बदलने की जरूरत है। इस तरह की मेडिकल कंडीशन को दबाकर नहीं रखा जा सकता।"

– कोर्ट का मानना है कि पिटीशनर को क्लेरिकल जॉब दिया जा सकता है, ताकि उसके बुजुर्ग माता-पिता, वह खुद, उसकी पत्नी और बच्चों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े।

– बता दें कि सबी विशाखापट्टनम में आईएनएस एक्सिला पर सेलर के तौर पर तैनात थे।

6 अक्टूबर को किया गया था बर्खास्त

– बता दें कि सबी को नेवी ने 6 अक्टूबर को बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

– उनका दावा है कि वह 2011 से जेंडर आईडेंटिटी से जूझ रहे थे। उन्होंने अपने पैरेंट्स को यह बात बताई, लेकिन उन पर एक महिला से शादी करने के लिए दबाव बनाया गया।

– उन्होंने यह भी दावा किया वह डिप्रेशन की वजह से कई बार बगैर बताए छुट्टी पर चले गए थे।

सेलर ने क्या कहा था?

– सबी गिरी ने टीवी चैनलों से बातचीत में कहा था, "मैं इंसाफ के लिए लड़ूंगी और पीएम नरेंद्र मोदी को इस बारे में लेटर भी लिखूंगी। मेरे पास पहले जितनी ही काबिलियत है, वे मुझे बर्खास्त कैसे कर सकते हैं? मैं सुप्रीम कोर्ट भी जाऊंगी, अपने हक के लिए लड़ूंगी।"

22 दिन की छुट्टी लेकर करवाया सेक्स चेंज

– मुंबई के रहने वाले मनीष ने एक पुरुष के रूप में 7 साल पहले ईस्टर्न नेवल कमान के मरीन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बतौर सिपाही ज्वाइन किया था।

– उनका कहना है कि सर्विस के कुछ सालों बाद उन्हें महसूस हुआ कि उनके अंदर एक महिला है। इसके बाद 2016 में उन्होंने विशाखापट्टनम में एक डॉक्टर से बात की और अपना इलाज करवाया।

– मनीष ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें सेक्स चेंज करवाने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने 22 दिन की छुट्टी ली और दिल्ली में सेक्स री-असाइनमेंट सर्जरी करवाई।

बाल बढ़ा लिए, साड़ी पहनना शुरू कर दिया

– सर्जरी के बाद मनीष उर्फ सबी विशाखापट्टनम के नेवी बेस में सबी बनकर लौटे। इसके बाद उन्होंने बाल बढ़ा लिए और साड़ी पहननी शुरू कर दी।

नहीं मिलेगी पेंशन

– मनीष ने सिर्फ 7 साल की सर्विस पूरी की है। नियम के हिसाब से 15 साल की सर्विस पूरी ना होने की वजह से उन्हें पेंशन भी नहीं मिलेगी।

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