नो टेंशन, अब कम होंगी आपकी ये मुश्किलें

वोटिंग, मेट्रो और आधार कार्ड बनाने को आसान करने की सरकारी पहल

नई दिल्ली
आम लोगों की सुविधा के लिए रोजमर्रा की जरूरतों को आसान करने की मुहिम चली हुई है। जनता को ज्यादा परेशानी न हो, इसके लिए डिजिटल से लेकर डेडलाइन तक का ध्यान रखा जा रहा है। इसी के मद्देनजर अगले दिनों में आपको कुछ अहम बदलाव देखने को मिलेंगे।

वोटिंग: 30 दिनों में बन जाएगा कार्ड
नया वोटर कार्ड बनाने के लिए अब टाइम लिमिट तय कर दी गई है। मुख्य चुनाव अधिकारी(CEO) चंद्रभूषण ने बताया कि फॉर्म नंबर-6 को अगर कोई भी शख्स ऑनलाइन या ऑफलाइन भरता है तो उसका वोटर कार्ड 30 दिनों के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। यह समय उस दिन से काउंट किया जाएगा, जिस दिन से वह फॉर्म चुनाव दफ्तर को रिसीव होगा, लेकिन जरूरी है कि इसके लिए जमा कराए जाने वाले दस्तावेज आदि की औपचारिकता पूरी की गई हो। इसमें अड्रेस प्रूफ देना जरूरी है, लेकिन बेघरों के लिए जरूरी नहीं है। वाजिब कारणों के बिना लापरवाही बरती गई तो संबंधित अफसरों पर कड़ी कार्रवाई होगी। वोटर कार्ड बनवाने के लिए अब फॉर्म नंबर-6 में दिव्यांगों के लिए एक कॉलम जोड़ा जाएगा ताकि पोलिंग के दिन उनकी सुविधाओं का ख्याल रखा जा सके।

मेट्रो: अब QR कोड से टोकन, रीचार्ज

दिल्ली मेट्रो ने टोकन और कार्ड रिचार्ज के लिए भारत क्विक रेस्पॉन्स QR कोड लॉन्च कर दिया है। इससे अब मेट्रो में सफर करने वालों को टोकन या रीचार्ज के लिए कैश की जरूरत नहीं होगी बल्कि वे अपने बैंक वॉलिट और सेविंग अकाउंट्स के क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट करा सकते हैं। मेट्रो अधिकारी ने कहा कि सभी बैंक वॉलिट और सेविंग अकाउंट्स होल्डर इस क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट कर सकते हैं। फिलहाल यह सुविधा पांच मेट्रो स्टेशनों पर है। ये स्टेशन हैं : राजीव चौक, राजेंद्र प्लेस, सीलमपुर, पीतमपुरा और नेहरू प्लेस। धीरे-धीरे इस सुविधा को बाकी स्टेशनों पर भी शुरू किया जाएगा। मेट्रो के एमडी डॉक्टर मंगू सिंह ने कहा कि कैशलेस सिस्टम लागू करने के लिए केंद्र सरकार जो कदम उठा रही है, उसे मेट्रो भी आगे बढ़ा रही है। भारत क्यूआर कोड को हाल ही में केंद्र सरकार ने लॉन्च किया है।

आधार: सितंबर से सरकारी ऑफिस में बनेगा
आधार कार्ड बनवाने में लोगों को आ रही दिक्कतों की शिकायतों के बाद यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने एक बड़ा फैसला किया है। सभी राज्यों को लेटर भेजकर निर्देश दिया गया है कि वे इस साल सितंबर तक सभी आधार कार्ड सेंटरों को सरकारी या निगम भवनों के परिसर में शिफ्ट कर दें। यह निर्देश प्राइवेट सेंटरों पर भी लागू होगा। इससे देशभर में 25,000 सक्रिय केंद्र प्रभावित होंगे और ये सभी UIDAI की सीधी निगरानी में आ सकेंगे। UIDAI ने 31 जुलाई तक सरकारी परिसरों की पहचान की डेडलाइन दी है और 31 अगस्त 2017 तक इन्हें शिफ्ट करने को कहा है। ये केंद्र जिला कलेक्ट्रेट, जिला परिषद ऑफिस या निगम दफ्तरों में ट्रांसफर होंगे। साथ ही, सेंटरों, बैंकों, ब्लॉक ऑफिस या राज्य सरकार के संचालित अन्य सप्लाई सेंटरों में जगह दी जाएगी।

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