पनामा पेपर्स मामले हो रही है जांच, पाकिस्तान की नीति पर नहीं चलेंगे: अरुण जेटली

नई दिल्ली  . पनामा पेपर्स मामले की सरकार जांच करा रही है, लेकिन पाकिस्तान की तरह बिना उचित जांच के किसी को सजा नहीं दी जाएगी। राज्यसभा में एक सवाल के उत्तर में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बयान दिया। जेटली ने कहा, 'यहां प्राप्त हुए विदेशी बैंक खातों के विवरणों पर जितनी इस सरकार ने कार्रवाई की है उतनी किसी भी सरकार ने कभी नही की।' जेटली ने बैंकिंग रेग्युलेशन (संशोधन) बिल पर बहस पर पनामा पेपर लीक का जिक्र करते हुए कहा, 'सभी अकाउंट की जांच हो रही है।'

वित्त मंत्री ने कहा, 'हमारे पास कानून है। हमारे पास पड़ोसी देश जैसा सिस्टम नहीं है, जहां पहले किसी को पद हटाया जाता है और फिर ट्रायल होता है।' जेटली का यह बयान पनामा पेपर मामले में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के पद छोड़ने से जोड़कर देखा जा रहा है। पनामा पेपर मामले में नवाज को पिछले महीने पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पीएम पद के अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद नवाज ने इस्तीफा दे दिया था। 

नवाज के पनामा पेपर लीक मामले में इस्तीफे के बाद भारत में भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की जाने लगी है। जेटली ने अपने जवाब में कहा कि टैक्स अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं और जहां कागजात मिल गए हैं वहां अभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई है। 

जेटली ने कहा, 'हम पहले अपनी जांच कर रहे हैं, चाहे वह HSBC मामला हो या कोई और। हर मामले में जहां अकाउंट्स हैं, हम संबंधित देश के अधिकारियों के संपर्क में है।' उन्होंने कहा, 'जिस भी मामले में हमें कागजात मिल रहे हैं उनमें अभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। मूल्यांकन किया जा रहा है। एक बार अभियोग दाखिल होने के बाद नामों का भी खुलासा करने में कोई हर्ज नहीं होगा क्योंकि अभियोग तो खुली अदालत में दाखिल किया जाता है।' वित्त मंत्री ने कहा कि जबतक जांच होगी तबतक नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता है, लेकिन जब मामला कोर्ट पहुंचेगा तब नामों पर गोपनीयता खत्म हो जाएगी। 

क्या था मामला

पनामा पेपर्स के नाम से लीक हुए इन दस्तावेजों को सामने लाने में मुख्य भूमिका अमेरिका स्थित एक एनजीओ खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय महासंघ (ICIJ) की थी। इनके मुताबिक इन्होंने उन दस्तावेजों की गहरी छानबीन की, जो इन्हें किसी अज्ञात सूत्र ने उपलब्ध करवाए थे। जांच में ढेरों फिल्मी और खेल जगत की हस्तियों के अलावा लगभग 140 राजनेताओं, अरबपतियों की छिपी संपत्ति का भी खुलासा हुआ था।

जांच में जो डेटा सामने आया था वह 1977 से लेकर 2015 तक लगभग 40 वर्षों का था। पनामा स्थित लॉ फर्म मोसैक फॉन्सेका से लीक हुए इन दस्तावेजों को लेकर दावा किया जा रहा था कि इनमें जिन 500 भारतीय हस्तियों के नामों का जिक्र है, उनमें से 300 नामों की पुष्टि भी की जा चुकी थी। जर्मनी के एक अखबार के मुताबिक, इस पेपर लीक से 2.6 टेराबाइट डेटा सामने आया है जो लगभग 600 डीवीडी में आ सकता है।

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