पर्युषण पर बवाल: सपा ने कहा जैन गुजरात चले जाएं, मुंबई को जैनिस्तान नहीं बनने देंगे

पर्युषण पर्व पर बीजेपी और तमाम सियासी दल एक बार फिर आमने सामने गये हैं. 18 अगस्त से इस पर्व की शुरुआत हो चुकी है. बीजेपी के एक प्रतिनिधी मंडल ने सीएम फडणवीस से मुलाकात कर 4 दिनों के लिये शहर के सभी बूचड़खानों को बंद रखने की मांग की हैं.

बीजेपी की दलील है कि पर्युषण के दौरान गुजरात में 9 दिनों बूचड़खाने बंद रहने का आदेश वहां की सरकार ने दिया है. उसी तर्ज पर महाराष्ट्र में भी 9 नहीं तो कम से कम 4 दिन के लिये बूचड़खाने बंद रखे जाएं.

बीजेपी नेता मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा है कि जैन समुदाय अहिंसा में विश्वास रखता है, ऐसे में उनकी भावनाओं का आदर करते हुए बूचड़खानों को पर्युषण के पर्व के चार दिनों तक बंद रखा जाये. लोढ़ा ने उम्मीद जताई कि सीएम फडणवीस उनके हक में सही फैसला लेंगे.

महाराष्ट्र में पर्युषण पर क्या है कानून?

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पहले ही कानून है कि पर्युषण के दौरान 2 दिनों के लिये बूचड़खाने बंद रहेंगे. ऐसे में चार दिनों के लिये बूचड़खानों को बंद रखने की मांग विपक्षी दलों को रास नहीं रही. समाजवादी पार्टी जहां इस मांग को मुसलमानों के खिलाफ साजिश बता रही है वहीं उन्होंने जैन लोगों को मुंबई छोड़ गुजरात चले जाने की धमकी भी दे दी. रईस शेख ने कहा कि कत्लखानों पर पाबंदी हमें बर्दाश्त नहीं है. अगर भावनाओं का आदर करना है तो सिर्फ बूचडखाना ही क्यों, अगर हिम्मत है तो फिश मार्केट, मुर्गी मार्केट बंद करके दिखाएं. क्या सिर्फ बकरे में जान होती है. मछली और मुर्गी में जान नहीं होती.

 

गौरतलब है कि 18 अगस्त से 26 अगस्त तक पर्युषण का पर्व चलेगा. बूचड़खानों को बंद करने की मांग पर सीएम फडणवीस क्या फैसला लेते हैं इस पर अब सबकी नजरें टिकी हुई हैं.

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