प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन, जयपुर में भूख हड़ताल, फिर आंदोलन की राह पर रोडवेज कर्मचारी

जयपुर. राजस्थान राज्य का सबसे बड़ा बस परिवहन सिस्टम (RSRTC) एक बार फिर सरकार के खिलाफ धरने-प्रदर्शन पर उतर आया है. हम बात कर रहे हैं राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (Rajasthan State Road Transport Corporation) और उसके कर्मचारियों की. प्रदेशभर के डिपो मुख्यालय और बस स्टैंड पर बुधवार को कर्मचारी धरने पर बैठे हैं. जयपुर में सिंधीकैंप बस स्टैंड (Sindhi Camp Bus Stand) पर भी रोडवेज कर्मचारियों का धरना (Roadways employees protest) जारी है और एक परिचालक 5 दिन से भूख हड़ताल (Hunger strike) पर बैठा है. रोडवेज के संयुक्त मोर्चे के बैनर तले दिए जा रहे इस धरने के जरिए कर्मचारी सातवें वेतन आयोग (7th Central Pay Commission) सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करन चाहते हैं. मोर्चे के पदाधिकारियों की मानें तो सरकार अब भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है और प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा.

5 दिन से जयपुर में भूख हड़ताल पर कर्मचारी

अपनी जिन मांगों को लेकर पिछले कई सालों से रोडवेजकर्मी आंदोलनरत है. अब उन्हीं मांगों को लेकर रोडवेज का एक परिचालक भूख हड़ताल पर बैठा हुआ है. पिछले 5 दिनों से सिंधी कैंप बस स्टैण्ड पर भूख हड़ताल पर बैठे इस कर्मचारी का दावा है कि उसका यह गांधीवादी तरीका रोडवेजकर्मियों को उनका हक दिलाकर ही रहेगा. लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल उठता है कि जिन मांगों को हजारों रोडवेजकर्मी नहीं मनवा सके उन मांगों को क्या एक अकेला कर्मचारी मनवा पाएगा.

7 दिन भूख हड़ताल पर रहूंगा, इसके बाद जल का भी त्याग कर दूंगा. अगर रोडवेज यूनियनों के आंदोलन में निजी स्वार्थ शामिल नहीं होता तो उनका आंदोलन जरूर सफल होता. लेकिन मेरे आंदोलन पर मेरा कोई निजी स्वार्थ निहित नहीं है. राजीव शर्मा, परिचालक

मांगे नहीं मानने पर दी जल भी त्यागने की चेतावनी

रोडवेज परिचालक राजीव शर्मा का यह बयान अपने आप में सत्ता में बैठे हुक्कमरानों को सीधी चुनौती है. करौली डिपो में परिचालक के पद पर तैनात राजीव शर्मा पिछले 5 दिनों से जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैण्ड पर भूख हड़ताल पर बैठे है. राजीव का कहना है कि मांगे नहीं मानी गई तो वो जल भी त्याग देंगे. बता दें कि राजीव 'अन्ना आंदोलन राष्ट्रीय कार्य समिति' के सदस्य भी हैं. उनका मानना है कि गांधीवादी तरीके से किया जा रहा उनका यह सत्याग्रह आंदोलन जरूर सफल होगा. उनका कहना है कि जब वो अन्ना के साथ मिलकर सशक्त लोकपाल बिल पास करने के लिए केन्द्र सरकार को मजबूर कर सकते हैं तो राज्य सरकार को भी उनकी मांगे माननी ही पड़ेगी.

ये हैं रोडवेज परिचालक की मांगें

♦ सातवां वेतन आयोग लागू हो

♦ सेवानिवृत कर्मियों के बकाया का जल्द भुगतान हो

♦ रोडवेज के लिए नई बसों की खरीद हो

♦ संविदाकर्मियों को जल्द नियमित किया जाए

♦ रोडवेजकर्मियों को दीपावली बोनस दिया जाए
 

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