बृजेंद्र सिंह और इंद्रजीत को मिल सकती है मोदी मंत्रीमंडल में जगह, गुज्जर का कट सकता है नाम

देश के साथ-साथ हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है। रोहतक सीट पर छोड़कर सभी उम्मीदवारों ने लाखों में जीत हासिल की है लेकिन रोहतक में अरविंद शर्मा की जीत सबसे अद्वितीय है। उन्होंने हुड्डा के गढ़ में मात दी है। इस जीत के बाद अब मोदी मंत्रीमंडल में शामिल होने वाले चेहरों के लिए भी जोड़-तोड़ शुरू हो जाएगा। 2014 में हरियाणा से दो सांसदों को मंत्रीमंडल में जगह दी गई थी। उसमें गुड़गांव से राव इंद्रजीत और फरीदाबाद से कृष्णपाल गुज्जर शामिल थे। हालांकि इस बार कृष्णपाल गुज्जर की संभावना सबसे कम मानी जा रही हैं, क्योंकि उनकी जगह दौड़ में दूसरे नेता शामिल हो गए हैं।
 बृजेंद्र सिंह का नाम सबसे आगे

    मंत्रीमंडल की दौड़ में बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह का नाम सबसे आगे नजर आ रहा है। उनके कई प्लस प्वाइंट है। बृजेंद्र आईएएस से वीआरएस लेकर राजनीति में आए हैं। ऐसे में उन्हें एडमिनिस्ट्रेशन की अच्छी समझ है। इसके साथ-साथ राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री थी। बेटे को टिकट मिलते ही उन्होंने खुद के पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी थी। कहीं न कहीं अब वे बेटे को पद दिलवाने के लिए पार्टी में लॉबिंग करेंगे। बृजेंद्र सिंह हिसार से दो दिग्गज परिवारों को हराकर भी संसद पहुंचे हैं। उन्होंने पूर्व सीएम देवीलाल के पोते दुष्यंत चौटाला व भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई को हराया है। ऐसे में उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। वे जाट चेहरा भी हैं, आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा उन्हें मंत्री पद देकर जाट वोटर को भी साधने का प्रयास करेगी।

    आगामी विधानसभा चुनाव के चलते अहीर बेल्ट को साधने के लिए राव इंद्रजीत को दोबारा मिल सकती है जगह

    राव इंद्रजीत इस बार 3 लाख से ज्यादा वोट लेकर संसद पहुंचे हैं। वे जिस अहीर बेल्ट से आते हैं, वहां कैप्टन अजय यादव का दबदबा रहा है। हालांकि इस बार वे कैप्टन अजय यादव को हराकर ही संसद पहुंचे हैं। अजय यादव ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था और वे हार गए। आगामी सितंबर में हरियाणा के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं। अहीर बेल्ट को साधने के  चलते राव इंद्रजीत को इस बार भी मंत्री पद मिल सकता है।

     सबसे चर्चित जीत हासिल करने वाले भी हो सकते हैं दौड़ में
    इस बार की तीन जीत सबसे चर्चित रही हैं, उसमें रोहतक, सोनीपत और करनाल शामिल है। रोहतक इसलिए अपने आप में खास है क्योंकि इस सीट पर हुड्डा परिवार का गढ़ तोड़ना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती थी। खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष की यह इच्छा थी की उनकी पार्टी रोहतक सीट पर जीत हासिल करे। क्योंकि 2014 में मोदी लहर के बावजूद भी रोहतक सीट दीपेंद्र हुड्डा जीत गए थे। इस बार अरविंद शर्मा ने उन्हें हराकर संसद का रास्ता प्रशस्त किया है। ऐसे में अरविंद शर्मा को मंत्रीमंडल में चांस मिल सकता है।

    वहीं सोनीपत सीट पर भी रमेश कौशिक ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिहं हुड्डा को हराया है। उनकी जीत भी पार्टी के लिए बड़ी जीत है। हालांकि उनकी संभावना कम नजर आ रही है। इसके साथ-साथ करनाल लोकसभा से साढ़े 6 लाख से ज्यादा वोट लेकर जीत हासिल करने वाले संजय भाटिया भी सुर्खियों में हैं। मंत्रीमंडल में थोड़ी बहुत संभावना उनके नाम की भी है।

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