ब्लू वेल गेम खेलेगी दिल्ली पुलिस, पता लगाएगी सूइसाइड की वजह

नई दिल्ली
ब्लू वेल गेम की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) भी करेगी। इसके लिए जरूरत महसूस हुई तो वह इस गेम को खेलकर पता लगाएगी की आखिर एडमिन इसमें गेम खेलने वाले को कैसे सूइसाइड करने के लिए मजबूर करता है।

ईओडब्ल्यू के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस गेम की वजह से दिल्ली में अभी किसी की जान नहीं गई है। मगर, इस तरह का एक संदिग्ध मामला मुंबई में आया था। दिल्ली पुलिस, मुंबई पुलिस के साथ-साथ अपने स्तर पर जांच करेगी।

डीसीपी (साइबर क्राइम) एनेश राय ने बताया, 'हमने अपने स्तर पर इस गेम की बारीकियों को जानने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। इस गेम की वजह से किसी की जान नहीं जाने दी जाएगी।' डीसीपी ने कहा कि भले ही दिल्ली में अब तक यह गेम किसी की मौत का कारण न बना हो। मगर, दिल्ली पुलिस चाहती है कि इसे रोका जाए और इसकी सचाई से लोगों खासतौर से पैरंट्स को अवगत कराया जाए। सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड और विभिन्न साइट्स और वट्सऐप ग्रुप्स को भी पुलिस मॉनिटर कर रही है।

पुलिस ने पैरंट्स को सलाह दी है कि वह अपने बच्चों के मोबाइल फोन पर अधिक गेम खेलते वक्त नजर रखें। साथ ही बच्चों की असामान्य गतिविधियों को लेकर सचेत हों। अगर उन्हें लगे कि उनका बच्चा इस गेम के जाल में फंस गया है तो वह बच्चे की काउंसलिंग करके उसे इस गेम को न खेलने दें।

सूत्रों ने बताया कि ईओडब्ल्यू ब्लू वेल गेम के सॉफ्टवेयर के बारे में बारीकी से जांच करके पता लगाएगी कि आखिर इससे बच्चे कैसे स्यूसाइड करने या फिर इसकी कोशिश करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसमें पुलिस अपने स्तर पर किस तरह का एक्शन ले सकती है इस बारे में भी योजना बनाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि जरूरत के मुताबिक, ईओडब्ल्यू की एक्सपर्ट टीम इस गेम को खेलकर देखेगी और पता लगाएगी कि इसके कौन-कौन से स्टेप में एडमिन क्या-क्या कहता है।

ईओडब्ल्यू को अभी तक की जानकारी में पता लगा है कि यह गेम ऐसे ही डाउनलोड नहीं हो सकता। यह एडमिन द्वारा ही खिलाया जाता है। ऐसे में दिल्ली पुलिस एडमिन के इन तरीकों का भी पता लगाएगी, जिससे वह भोले-भाले बच्चों को अपना शिकार बनाता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पता लगा है कि गेम खेलने वाला इस गेम को बीच में नहीं छोड़ पाता है। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो एडमिन उसके परिवार के किसी न किसी सदस्य को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है। ऐसे में पुलिस यह पता लगाएगी कि एडमिन किस तरह से बच्चों को अपने जाल में फंसाता है।

ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि उनका मकसद बच्चों को इस गेम से दूर रखते हुए सुरक्षित रखना है। इसके लिए उन्हें जो भी करना पड़ेगा वह करेंगे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब तक इस गेम को किसी सुरक्षा एजेंसी ने खेलकर नहीं देखा है। इस गेम की जांच करना जरूरी लग रहा है। तभी इसकी असलियत तक पहुंचा जा सकता है।

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