बड़े भवनों और कोचिंग संस्थानों को आग से बचाव के उपाय करने के निर्देश
इन्दौर । कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कोचिंग संस्थानों के मालिकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि जिले के सभी कोचिंग संस्थानों को आग से बचाव के उपाय करने होंगे और समय-समय पर मॉकड्रिल भी आयोजित करना होगा। इसके अलावा 12 मीटर से अधिक किसी भी बिल्डिंग में अग्निशमन की व्यवस्था करना होगी। फायरब्रिगेड आने-जाने के लिये पर्याप्त जगह होना जरूरी है। इसके अलावा हर साल नया अग्निशमन यंत्र लगाना जरूरी है। सभी कोचिंग संस्थान में लिफ्ट के अलावा पक्की सीढ़ियाँ होना जरूरी है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक (फायरब्रिगेड) सुश्री अंजना तिवारी ने कहा की इंदौर में बड़ी होटलों को छोड़कर सभी बड़े भवनों में अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम नहीं है और न ही कोई इस संबंध में सतर्कता बरतना चाहता है। बड़े भवनों में पानी का भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जिले में होस्टल, कोचिंग क्लास, मॉल, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में अग्निशमन के पर्याप्त उपाय किये जाये, अन्यथा जांच उपरांत कार्यवाही की जायेगी। कोचिंग क्लास मालिक विद्यार्थियों को आग बुझाने का प्रशिक्षण दें और अग्निशमन यंत्र तथा सेफ्टी वाल्ब आदि की नियमित जांच करें।
इस अवसर पर अपर आयुक्त नगर निगम देवेन्द्र सिंह ने कहा कि नगर निगम द्वारा दल गठित कर इंदौर शहर के सभी बड़े भवनों की जांच की जा रही है। नगर निगम द्वारा होटल, होस्टल, मॉल, मल्टी बिल्डिंग की जांच शुरू कर दी गई है। जॉंच के दौरान स्वीकृत नक्शे से भिन्न निर्माण भी चिन्हित किये जायेंगे। जहां पर कमी पाई जायेगी, उन्हें नोटिस दिया जायेगा और सुधार न होने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। राज्य शासन के निर्देशानुसार हर सड़क और हर कॉलोनी में अतिक्रमण नहीं होना चाहिये। हर बड़ी बिल्डिंग और हर बड़े दफ्तर में अग्निशमन यंत्र लगाना जरूरी है। फायरब्रिगेड के आने-जाने के लिये कम से कम छ: मीटर चौड़ी जगह होना चाहिये। हर बड़ी बिल्डिंग में छत पर और भू-तल में अग्निशमन के लिये पर्याप्त पानी 24 घंटे उपलब्ध होना चाहिये। हर बड़े भवनों में सीढ़ियाँ और इमरजेंसी दरवाजे तथा खुली बालकनी होना चाहिये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कोचिंग संचालक मौजूद थे। कार्यक्रम को होमगार्ड कम्मांडेंट राजेश जैन ने भी सम्बोधित किया।