भारत में इस तरह बनाए जा सके हैं रोजगार के अवसर

न्यायमूर्ति ए के सिकरी ने रविवार को कहा कि संकटग्रस्त कंपनियों के सुधार से रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा देश की आर्थिक वृद्धि को सहारा मिलेगा.

दिवाला एवं शोधन संहिता पर आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि संकटग्रस्त कंपनियों को वापस पटरी पर लाने के लिए हर संभव उपाय करना भारतीय अर्थव्यवसथा के हित में है. इस सम्मेलन का आयोजन ब्रिक्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और एक्रोमिक प्वायंट कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड ने किया था.

चैंबर ने न्यायमूर्ति सिकरी के हवाले से कहा, ‘‘भारत में संकटग्रस्त कंपनियों को सुधारना न केवल कंपनियों के लिए फायदेमंद है बल्कि यह उच्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को पाने, रोजगार के अवसर सृजित करने और अंतत: अर्थव्यवस्था की वृद्धि को अपेक्षाकृत तेज करने में भी मददगार है.’’ उन्होंने आगे कहा कि कारोबार का अनुकूल माहौल विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अनिवार्य है. उन्होंने इस्पात उद्योग और रियल एस्टेट क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि बाह्य कारण किसी भी कंपनी को संकट में डाल सकते हैं.

न्यायमूर्ति सिकरी ने कहा, ‘‘किसी संकटग्रस्त कंपनी के प्रबंधन में बदलाव करना दिवाला एवं शोधन संहिता का महत्वपूर्ण प्रावधान है.’’

Leave a Reply