मकर संक्रांति: लंबे अर्से के बाद शुभ संयोग, जानें किस राशि पर रहेगा शनि का अशुभ प्रभाव
2017 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। सूर्य नारायण प्रात: 7 बजकर 38 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और इस दिन शनिवार का दिन है। लंबे अर्से के बाद ये शुभ संयोग बना है। शनिवार को मकर संक्रांति का पड़ना एक दुर्लभ संयोग माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार शनि देव को मकर और कुंभ राशि का स्वामी कहा गया है। ऐसे में शनि देव के प्रिय वार शनिवार को उनकी राशि में पिता सूर्य का आना शनि महाराज को मेहरबान और कृपालु बनाने के लिए उत्तम रहेगा। 26 जनवरी 2017 से मकर राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव शुरु हो जाएगा। उनके लिए शनि कृपा पाने का ये सुनहरी मौका है। मकर राशि के अतिरिक्त 2017 में तुला, वृश्चिक, धनु राशि वालों पर भी साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा और मेष, वृष, सिंह एवं कन्या राशि वालों पर ढैय्या भारी रहेगी।
भारतीय पर्वों में केवल मकर संक्रांति ही एक ऐसा पर्व है जिसका निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार होता है। इसी कारण मकर संक्रांति प्रतिवर्ष 14 जनवरी को मनाई जाती है। सूर्य जिस राशि पर स्थिर हों उसे छोड़ कर जब दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं उस काल विशेष को ही संक्रांति कहते हैं।
ज्योतिषीय आकलन के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यूं तो प्रति मास ही सूर्य बारह राशियों में एक से दूसरी में प्रवेश करता रहता है। सूर्य के एक राशि से दूसरी में प्रवेश करने को संक्रमण या संक्रांति कहा जाता है। मकर राशि में प्रवेश करने के कारण यह पर्व मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन से देवताओं के दिन आरंभ हो जाते हैं। उनके निमित्त किया गया स्नान, दान और पूजन अक्षय गुणा फल देता है।