मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में एन्टी इनकम्बेंसी फैक्टर

नई दिल्ली। भाजपा मुख्यालय नई दिल्ली इन दिनों पशोपेश में है कि आखिर 2018 में 3 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत कैसे हासिल की जाएगी। आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद की अपनी रिपोर्ट कहती है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में राज्य सरकारों के खिलाफ भयंकर एन्टी इनकम्बेंसी फैक्टर काम रहा है। ऐसी स्थिति में राजस्थान वसुंधरा राजे, मध्यप्रदेश शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ डॉ. रमन सिंह की हालत को यदि पतली या कमजोर माना जाए तो आश्चर्य की बात नहीं है और इन राज्यों में आज की तारीख में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी भी सूरत में नेतृत्व बदलने को तैयार भी नहीं हैं। सभी उपरोक्त तीन राज्यों की भाजपा इकाइयों से कहा गया है कि वे एक लाइन का प्रस्ताव पास करें, जिसमें कहें कि वर्तमान मुख्यमंत्री के ही नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।
इसी के चलते बीते कल में ही मध्यप्रदेश भाजपा कार्यसमिति ने एक राजनैतिक प्रस्ताव पास करके कहा है कि 2018 का विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इसी लाइन में उपरोक्त अन्य राज्यों में भी प्रस्ताव पास किए जाएंगे। हालांकि गुजरात और हिमाचल के चुनाव 2017 दिसंबर में ही हो जाएंगे। जो यह संकेत देने के लिए पर्याप्त होंगे कि भाजपा शासित राज्यों में एन्टी इनकम्बेंसी फैक्टर का क्या प्रभाव है। यदि गुजरात और हिमाचल के चुनावों में भाजपा पिछड़ती है तो फिर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लिए रणनीति बदल दी जाएगी। भाजपा के सूत्रों का दावा है कि यदि गुजरात और हिमाचल में भाजपा थोड़ा भी बैकफुट पर आती है तो प्रधानमंत्री बचे तीन राज्य छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा के चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव को 'प्रीपोण्डÓ करते हुए तीन अथवा छह महीने पहले कराने की कोशिश करेंगे। और ऐसी स्थिति में विधानसभा चुनाव उपरोक्त तीन राज्यों में दिसंबर में होने की बजाय 4 माह बाद आगे की तारीखों में तब संपन्न होंगे, जब लोकसभा चुनाव की तारीख तय हो जाएगी। जानकारों का कहना यह है कि पूरे देश में मोदी फैक्टर आज भी हावी है। इसलिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराने का फायदा भाजपा को ही होगा। यदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भरोसे विधानसभा चुनावों को छोड़ दिए जाएंगे तो भाजपा को एक-दो राज्यों में सरकार गंवानी भी पड़ सकती है। जहां तक सवाल है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जिद का तो उन्हें विपक्ष पूरे देश में कहीं पर भी नहीं चाहिए। मोदी चाहते हैं 10 वर्षों के लिए भाजपा का एक छत्र राज हो और इसे कायम करने के लिए वे किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। इसलिए अभी से यह लिखने और कहने में हर्ज नहीं होगा कि देश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव भी संपन्न होंगे।

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