महाराष्ट्रः मुंबई पहुंचा स्वाइन फ्लू, पहली मौत

मुंबई में स्वाइन फ्लू से साल की पहली मौत, 18 माह का मासूम बना शिकार

मुंबई
तापमान में हो रहे उतर-चढ़ाव के कारण बढ़ते स्वाइन फ्लू के मामलों के बीच मुंबई में स्वाइन फ्लू की वजह से इस साल की पहली मौत दर्ज हुई है। बीएमसी एपिडेमियोलॉजी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में स्वाइन फ्लू के चलते वर्ली में 18 महीने के एक बच्चे की मौत हुई है। शुरूआत में बच्चे को इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। बाद में उसे बीएमसी के कस्तूरबा हॉस्पिटल ट्रांसफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। स्वाइन फ्लू से बचने के लिए एस्क्सपर्ट ने बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से मिलने की सलाह दी है।

बढ़ रहे मामले
पिछले साल की तुलना में इस साल मुंबई में स्वाइन फ्लू के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पिछले साल मुंबई में स्वाइन फ्लू के केवल 3 मामले थे , जबकि एक भी मौत नहीं दर्ज हुई थी। वहीं इस वर्ष जनवरी से लेकर 30 अप्रैल तक 21 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि एक की मौत भी हो चुकी है।

बीएमसी स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी अधिकारी डॉ. पदमजा केसकर ने कहा कि स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से मिले। जितनी जल्दी इसका इलाज शुरू होगा उतना रिस्क कम होगा। जिस बच्चे की मौत हुई परिजन उसे पहले दो निजी अस्पताल लेकर गए। जब स्थिति एकदम बिगड़ने लगी तब उसे कस्तूरबा लाया गया।

राज्य में 165 मौत
2011 के बाद इस साल भी स्वाइन फ्लू का कहर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। राज्य सर्विलांस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में इस वर्ष अब तक 165 लोगों की मौतें स्वाइन फ्लू के जरिए हो चुकी है। जबकि 844 कन्फर्म मामले सामने आ चुके हैं। स्टेट सर्विलांस अधिकारी डॉ पी. आवटे ने बताया कि राज्य भर से अब तक 844 लोगों को स्वाइन फ्लू के चलते भर्ती किया जा चुका है। जिसमें से 545 मरीजों को उपचार के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।

पिछले वर्ष पूरे महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू से कुल 25 लोगों की मौत हुई थी। अधिकारियों ने एच1एन1 से मुंबई में 9 तथा पूरे राज्य में 521 मरीजों के इलाज होने की पुष्टी की। इसमें पुणे और नासिक में सबसे अधिक केस दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि पूरे राज्य में 7581 संदिग्ध केस रिपोर्ट किए गए हैं और 23 हजार से अधिक लोगों को एच1एन1 फ्लू से बचाव के लिए टीके लगाए जा चुके हैं।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. ओम श्रीवास्तव ने बताया कि गले में खरास, बदन दर्द या सिर में लगातर दर्द होने पर इसे महज सर्दी जुकाम समझकर अनदेखा न करें। एक इस बारे में चिकित्सक से जरूर मिलें।

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