मां की लाश में ‘आत्मा’ डलवाने के लिए 3 दिन तक लाश के साथ सोया बेटा

कानपुर
कानपुर के जनरलगंज में गुरुवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसके मानसिक रूप से बीमार बेटे ने शव का 4 दिन तक अंतिम संस्कार नहीं किया। शव घर के अंदर बर्फ पर रखा रहा। बदबू की शिकायत पर पुलिस पहुंची तो बेटे ने बताया कि वह मां के शव में आत्मा डलवाने के लिए उसे मुंबई ले जाना चाहता है। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया। अब दाह संस्कार के लिए उसे मनाया जा रहा है।

जनरलगंज कपड़ा बाजार के रहने वाले विकास गोयनका (35) मुंबई में काम करते हैं। उनकी मां शांति देवी (75) यहां अकेली रहती थी। विकास कुछ दिन पहले घर आए थे। इस दौरान गिरने से शांति के सिर में गंभीर चोट आई। उन्हें हॉस्पिटल में ऐडमिट कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। मां के शव को विकास घर ले आए और बर्फ की सिल्ली पर इसे रख दिया। वह लाश को मुंबई ले जाने के लिए कानपुर सेंट्रल गए लेकिन रेलवे स्टाफ ने मना कर दिया कि बिना डेथ सर्टिफिकेट वह लाश को मुंबई नहीं ले जाएंगे। इसी कोशिश में विकास हर दिन बर्फ की नई सिल्ली लाते रहे, लेकिन उमस भरी गर्मी में शव में कीड़े लग गए।

गुरुवार सुबह दुकानदारों ने पुलिस से गोयनका के घर से बदबू आने की शिकायत की तो कलक्टरगंज थाने के एसओ मौके पर पहुंचे। उन्हें पता चला कि विकास स्टेशन पर है। पहले तो विकास घर आने को तैयार नहीं हुआ लेकिन बाद में पुलिस भेजकर उसे बुलाया गया। यहां आते ही उसने पुलिसवालों से फर्राटेदार अंग्रेजी में बात शुरू कर दी। उसने बताया कि मां मरी नहीं है। वह शव को मुंबई ले जाकर इसमें आत्मा डलवाएगा। यह बात सुन पुलिसवाले चौंक गए।

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