योगी का साथ छोड़ मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे डिप्टी सीएम केशव मौर्य

लखनऊ। विपक्षी एकता और गठजोड़ की कवायद के बीच फूलपुर से सांसद केशव प्रसाद मौर्या को यूपी के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। क्योंकि भाजपा मौर्य के संसदीय क्षेत्र फूलपुर में फिलहाल चुनाव से भी बचना चाहेगी। ऐसे में अगले महीने ही मौर्य को दिल्ली लाया जा सकता है।

बता दें कि राजनीतिक दृष्टि से फूलपुर सीट काफी अहम मानी जाती है जिसे बीजेपी किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती है। एेसे में उसके पास मात्र एक ही विकल्प बचता है कि मौर्य को केंद्रीय कैबिनेट में जगह देकर सीट को बरकरार रखें। सबसे खास बात ये कि अगले महीने ही मोदी कैबिनेट के विस्तार की संभावना है।

फूलपुर से मायावती के उपचुनाव लड़ने की लग रही हैं अटकलें

बसपा सुप्रीमो मायावती राज्यसभा से इस्तीफा दे चुकी हैं। उनकी ओर से कोई एलान तो नहीं हुआ है। लेकिन यह अटकलें तेज हैं कि मौर्य के इस्तीफा देने की स्थिति में वह फूलपुर से लोकसभा का उपचुनाव लड़ सकती हैं। २०१९ के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव का जो आंकड़ा रहा है उसके अनुसार सपा, बसपा और कांग्रेस का संयुक्त वोट भाजपा के लिए खतरनाक होगा। उससे भी ज्यादा खतरे की बात यह होगी कि चुनाव से डेढ़-दो साल पहले ही विपक्षी एकता की जड़ें पनपने लगेंगी। इसको टालने का सिर्फ एक तरीका मौर्य का सांसद बना रहना है। लेकिन उस स्थिति में उन्हें दो महीने के अंदर प्रदेश सरकार से हटना होगा।

सरकार में सबकुछ ठीक नहीं

सूत्रों की मानी जाए तो एक दूसरा कारण प्रदेश सरकार के भीतर का बनता-बिगड़ता समीकरण भी है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच सब कुछ सहज नहीं है। यहां तक कि मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में भी इसकी झलक दिखी। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मौर्य के कामकाज को लेकर सवाल उठाया। ध्यान रहे कि प्रदेश सरकार गठन को अभी चार महीने भी नहीं हुए हैं। भाजपा कभी नहीं चाहेगी कि प्रदेश सरकार के अंदर की आपसी खींचतान का असर २०१९ लोकसभा चुनाव पर दिखे।

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