राकेश सिंह: कॉलेज राजनीति से लेकर पीएम मोदी के भरोसेमंद बनने तक का सफर

मध्य प्रदेश बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष और जबलपुर से बीजेपी सांसद राकेश सिंह बीजेपी के उन नेताओं में शुमार हैं जो अपनी काबिलियत के दम पर जिम्मेदारियां निभाते गए और पार्टी में अपनी जगह बनाते गए. राकेश सिंह 2004 से लगातार जबलपुर से सांसद हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में भी वे जबलपुर से ही बीजेपी के उम्मीदवार हैं. वे लोकसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप भी रह चुके हैं और संसद की कई महत्वपूर्ण कमेटियों के सदस्य भी हैं.

राकेश सिंह ने जबलपुर साइंस कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की है. कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने बीजेपी नेता प्रह्लाद पटेल के साथ जबलपुर में बीजेपी के लिए काम काम शुरू कर दिया था. 2000 में वे जबलपुर बीजेपी के जिलाध्यक्ष बने थे, इसके बाद वे जबलपुर में काफी लोकप्रिय हो गए. 2004 में बीजेपी ने उन्हें जबलपुर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया. वे विजयी हुए तबसे लगातार जीत रहे हैं.
राकेश सिंह कुशल संगठनकर्ता और चुनाव कैंपेनर माने जाते हैं. जबलपुर में बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने ‘गांव चलो-घर चलो’ कैंपेन चलाया था जिसे बाद में बीजेपी ने देशभर में लागू किया. लोकसभा में चीफ व्हिप होने के अलावा राकेश सिंह ने किसी बड़े पद पर काम नहीं किया है. लेकिन वो विवादों से हमेशा दूर रहे हैं. विवादों से दूरी की वजह से उन्हें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के वे संगठन में काफी करीबी हो गए. धीरे-धीरे वे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के भी भरोसेमंद बन गए.

संगठन में अपने कार्यों के दम पर राकेश सिंह शिवराज सिंह चौहान के भी करीबी बनते चले गए और यही कारण था कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने राकेश सिंह का ही नाम आगे बढ़ाया. राकेश सिंह के परिवार में मां और पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं. पिता स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह, माता गोमती देवी, पत्नी माला सिंह और दो बेटियां हैं.

– 2000: जबलपुर जिला बीजेपी के अध्यक्ष बने

– 2004: जबलपुर संसदीय क्षेत्र से लगभग एक लाख मतों से लोकसभा चुनाव जीते.

– 2009: दोबारा लोकसभा चुनाव जीते

– 2010: प्रदेश महामंत्री, मध्यप्रदेश

– 2014: तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीते

– 2018: मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बने
 

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