राम रहीम दोषी: कोर्ट के फैसले के बाद पंचकूला में हिंसा, 30 की मौत

पंचकूला .  पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत के डेरा चीफ राम रहीम को रेप का दोषी करार देने के बाद उनके समर्थक हिंसा पर उतर आए हैं। खबरों के मुताबिक पंचकूला हिंसा में 30 लोगों की मौत हो गई है। 250 लोग घायल हुए हैं पंचकूला में हुई हिंसा में शहर में 100 ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है। अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद समर्थकों ने मीडियाकर्मियों पर भी हमले किए हैं। इस बीच राम रहीम के फैसले के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक के बाद एक किए ट्वीट में कहा, 'आज हुई हिंसा काफी दुखद है। मैं इस हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं और सभी से शांति बहाल करने की अपील करता हूं।'

हरियाणा-पंजाब के हालात पर गृहमंत्री राजनाथ ने कल 11 बजे अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इसमें एनएसए, आईबी, रॉ प्रमुख सहित कई आला अधिकारी शामिल होंगे. हिंसा प्रभावित राज्यों के सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी.

पंचकूला में डेरा सच्चा सौदा के 1000 समर्थकों को हिरासत में लिया गया है. शहर में हिंसा फैलने के बाद सेना की 6 टुकड़ियां तैनात की गई है। सिरसा में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान भी सिरसा पहुंच गए हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में जगह-जगह से आगजनी की खबरें आ रही हैं. लगभग 250 ट्रेनें रद्द, कल रोहतक जाने वाले सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. 

खबरों के मुताबिक, कोर्ट परिसर के बाद डेरा अनुयायियों ने टाइम्स नाउ समेत 3 न्यूज चैनलों की ओबी वैन तोड़ दी है। कुछ ओबी वैन में आग लगा दी गई है। फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियों में आगजनी की गई है। पंजाब के दो रेलवे स्टेशनों में आग लगाने की खबरें आ रही हैं। इसके अलावा, शिमला हाइवे पर भी कारों को रोककर तोड़फोड़ की गई है। पंजाब और हरियाणा में कई जगहों से हिंसा की खबरें आ रही हैं। सरकारी भवनों में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है।

बठिंडा, मानसा और फिरोजपुर में कर्फ्यू की खबरें आ रही हैं। प्रदर्शकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। उग्र प्रदर्शनकारियों के पथराव के कारण पुलिस को करीब एक किलोमीटर तक पीछे भागना पड़ा। पंचकूला कोर्ट के बाहर चारों तरफ हिंसा हो रही है। 

इसके पहले सिरसा से पंचकूला तक के 250 किलोमीटर के सफर के दौरान उनके समर्थकों और अनुयायियों ने पुलिस और प्रशासन की तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद उनके काफिले को कई जगह रोकने की कोशिश की। कहीं समर्थक सड़क पर लेट गए तो कहीं सड़क किनारे डंडे लेकर खड़े मौजूद नजर आए। ऐसे में पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू होने की बात बेमानी नजर आई। कोर्ट के बाहर भी उनके समर्थक भारी संख्या में मौजूद थे।

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