शरद पूर्ण‍िमा: श्रीकृष्ण ने रचाया था महारास, प्रेम में सफलता के लिए करें ये उपाय…

ये तिथि जीवन के प्रेम पक्ष के लिए भी सबसे उत्तम मानी जाती है. जानकारों की मानें तो, पूरे साल में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है.

इसीलिए भगवान श्रीकृष्ण ने इसी तिथि को महारास रचाया था. कहते हैं इस रात चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है . जो आपको मनचाहे प्रेम का वरदान देता है. लेकिन इसके लिए आपको कुछ उपाय करने होंगे…

प्रेम में सफलता के लिए क्या करें?

– शाम के समय राधा-कृष्ण की उपासना करें.

– दोनों को संयुक्त रूप से एक गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें.

– मध्य रात्रि को सफेद वस्त्र धारण करके चन्द्रमा को अर्घ्य दें.

– इसके बाद "ॐ राधावल्लभाय नमः" मंत्र का कम से कम 3 माला जाप करें.

– या मधुराष्टक का कम से कम 3 बार पाठ करें.

– फिर मनचाहे प्रेम को पाने की प्रार्थना करें.

– भगवान को अर्पित की हुई गुलाब की माला को अपने पास सुरक्षित रख लें.

इन उपायों से निश्चित ही मनचाहे प्रेम की प्राप्ति होती है और सभी संबंधों में प्रेम और लगाव बढ़ने लगता है.

शरद पूर्णिमा का महत्व

– शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है.

– इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और सोलह कलाओं से युक्त होता है.

– इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है.

– प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था.

– इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन सेहत, अपार प्रेम और खूब सारा धन पाया जा सकता है

– पर प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है. इस बार शरद पूर्णिमा 05 अक्टूबर को होगी

शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जान लेना जरूरी है.

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