सभी रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर भेजेंगे: रिजिजू

नई दिल्ली . भारत में करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं, इनमें से कुछ का यूएन रजिस्ट्रेशन एजेंसी में रजिस्ट्रेशन भी कराया है। लेकिन सरकार इन सभी को वापस भेजने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह बात कही है। पिछले सप्ताह उन्होंने संसद में भी एक सवाल के जवाब में कहा था कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा कि वे अवैध रूप बसे रोहिंग्या लोगों की पहचान करें और उन्हें निकालने की तैयार करें।

रोहिंग्या मुसलमानों को बौद्ध संप्रदाय की बहुलता वाले देश में हिंसा का शिकार होने के चलते भारत समेत कई अन्य देशों में शरण लेनी पड़ी है। यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज ने भारत में रह रहे 16,500 रोहिंग्या शरणार्थियों को आईडी कार्ड जारी किए हैं। यूनाइटेड नेशंस की ओर से शरणार्थियों को यह आईडी कार्ड इसलिए जारी किए जाते हैं ताकि उन्हें किसी भी तरह के उत्पीड़न, हिरासत और प्रत्यर्पण से बचाया जा सके।

हालांकि मोदी सरकार के मंत्री रिजिजू ने कहा कि इस मामले में यूएस का रजिस्ट्रेशन अप्रासंगिक है। उन्होंने कहा, 'वह इस काम कर कर रहे हैं। हम उन्हें इससे रोक नहीं सकते हैं। लेकिन, हम रिफ्यूजियों के मामले में इसे मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।' उन्होंने कहा, 'जहां तक हमारा सवाल है, वे सब लोग अवैध प्रवासी हैं। उनके पास यहां रहने का कोई आधार नहीं है। जो कोई भी यहां अवैध रूप से बसा है, उसे जाना ही होगा।'

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