‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नहीं म्यांमार बॉर्डर पर भारतीय सेना का बड़ा एक्शन

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने आज सुबह म्यांमार की सीमा से लगे इलाके में नगा उग्रवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (खापलांग) के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जिसमें बड़ी संख्या में उग्रवादी मारे गए। सेना की पूर्वी कमान ने ट्वीट करके बताया कि कार्रवाई में बड़ी संख्या में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (खापलांग) के उग्रवादी मारे गए हैं जबकि भारतीय सुरक्षा बलों में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

 यह कार्रवाई सुबह 4:45 मिनट पर की गई थी। सेना ने बाद में एक बयान जारी करके स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई भारतीय सीमा के भीतर ही की गई है और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार नहीं की गई। बयान के अनुसार आज तड़के भारत-म्यांमार सीमा पर भारतीय सेना की एक टुकड़ी पर अज्ञात उग्रवादियों ने गोलियां चलाईं जिस पर सेना ने जवाबी कार्रवाई की। इससे उग्रवादियों का आपसी संपर्क टूट गया और वे घटनास्थल से भाग गए। इस ऑपरेशन को इंडो-म्यांमार बॉर्डर के लंगखू गांव के पास अंजाम दिया गया। यह जगह भारत-म्यांमार बॉर्डर से करीब 10-15 किमी. दूर है। अभी तक कितने नागा आतंकी मारे गए हैं इसका कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है।
मीडिया में आई सर्जिकल स्ट्राइक की खबर
बता दें कि इससे पहले टीवी चैनलों पर म्यांमार में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की खबर बताई गई थी। जिसे सेना ने खंडित किया है। सेना ने कहा उसने बॉर्डर क्रॉस नहीं किया है।

2015 में म्यांमार की सीमा में घुसकर की थी सर्जिकल स्ट्राइक
भले ही इस बार सेना ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (खापलांग) के उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है लेकिन इससे पहले NSCN के आतंकियों ने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में फौज की टुकड़ी पर हमला किया था। इस आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे। 10 जून 2015 को इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय जवानों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। तब फौज ने म्यांमार में दाखिल होकर आतंकी संगठन NSCN के टेरर कैंप को तबाह किया था।

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