हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा से कहा, अपने समर्थकों को वापस लौटने को कहें

चंडीगढ़ . डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से जुड़े केस में फैसले से पहले पंजाब और हरियाणा में तनाव बढ़ता ही जा रहा है। तमाम सुरक्षाव्यवस्था के बावजूद पंचकूला समेत अन्य जगहों पर डेरा समर्थकों का हुजूम जुट गया है। हिंसा की आशंकाओं के बीच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा प्रमुख को निर्देश दिया है कि अपने समर्थकों को वापस जाने के लिए मेसेज दें। इस बीच सिरसा में एहतियातन कर्फ्यू लगा दिया गया है।

शुक्रवार को गुरमीत राम रहीम पर एक साध्वी के यौन शोषण से जुड़े एक केस में फैसला आना है। पंचकूला सीबीआई कोर्ट के फैसले पर हिंसा की आशंका के मद्देनजर हरियाणा और पंजाब हाई अलर्ट पर हैं। हालांकि डेरा सच्चा सौदा के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि कोई अप्रिय घटना नहीं होगी, लेकिन समर्थक लगातार हिंसा की धमकी दिए जा रहे हैं।

सिरसा शहर और उसके नजदीक के गांवों बाजेकां, शाहपुर बेगु वह नेजियाखेड़ा में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सिरसा के डीएम प्रभजोत सिंह और एसपी अश्विन शैणवी ने कानूनव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के बाद यह फैसला किया। अपने आदेश में डीएम ने कहा है कि 24 अगस्त को रात 10 बजे के बाद इन गांवों सिरसा शहर में कोई भी व्यक्ति घर से बाहर निकले। उन्होंने बताया कि कानूनव्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर सेना को बुला लिया गया है। इन आदेशों का कड़ाई से पालन किया जाए। अगले आदेश तक कर्फ्यू जारी रहेगा। बता दें कि सिरसा डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है।

हाई कोर्ट इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है। हाई कोर्ट ने केंद्र को कहा कि यह सुनिश्चत करें कि रात तक सारी आर्मी की कंपनी तैनात हो जाएं। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि उनके पास इस बात की रिकॉर्डिंग है कि डेरे की तरफ से लोगो को पंचकूला जाने को कहा गया है। पुलिस ने कोर्ट से कहा है कि वह शुक्रवार को इस बात का प्रमाण देगी।

 

इस बीच, राम रहीम ने ट्वीट करके समर्थकों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें। डेरा प्रमुख ने यह भी ऐलान किया कि पीठ में दर्द होने के बावजूद वह अदालत में जाएंगे। हालांकि डेरा समर्थकों के बड़े जमावड़े और हिंसक रुख को देखते हुए सरकार भी कोई रिस्क उठाने के लिए तैयार नहीं है। हरियाणा की सीमाएं सील कर दी गई हैं। बड़ी तादाद में अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ ही सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है। उत्तर रेलवे ने गुरुवार को 6 और शुक्रवार को पंजाब की और जाने वाली 22 ट्रेनें रद्द कर दी हैं।  दोनों राज्यों में शांतिव्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि जाट आंदोलन जैसे हालात किसी भी सूरत में दोहराए नहीं जाने चाहिए। सरकार ने भी एहतियात बरतते हुए पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 72 घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट और अन्य डेटा सर्विस पर रोक लगा दी है। सेना को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही ड्रोन्स के जरिए निगरानी की जा रही है।

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