हिन्दू ऑफिसर ने अपने बीमार मुस्लिम ड्राइवर की तरफ से रखा रोज़ा
महाराष्ट्र के बुलढाणा में एक हिन्दू ऑफिसर ने भाईचारे की मिसाल पेश की है. बुलढाणा में डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर संजय एन माली ने धर्म और पाबंदियों को एक तरफ रखकर रोज़ा रखा है. खास बात यह है कि ये रोज़ा उन्होंने अपने लिए नहीं बल्कि अपने बीमार मुस्लिम ड्राइवर की तरफ से रखा है. एन माली हर रोज पूरी श्रद्धा के साथ रोज़ा रखते हैं और नियमों के मुताबिक सहरी और इफ्तार करते हैं.
ड्राइवर से बातकर खुद की पहल
ऑफिसर एन माली की ओर से बताया गया कि 6 मई को उन्होंने अपने ड्राइवर से रमजान के महीने में रोज़ा रखने को लेकर पूछा. तब ड्राइवर ने कहा कि उसकी तबियत ठीक नहीं है, ड्यूटी भी करनी है. ऐसे में वह पूरे दिन भूखा रहकर रोज़ा नहीं रख सकता.
ड्राइवर की इस बात पर एन माली ने कहा कि उसके नाम से अब वह खुद रोज़ा रखेंगे. तभी से एन माली सुबह 4 बजे उठकर रोज़े के लिए सहरी करते हैं और शाम को समय के हिसाब से रोजा खोलते हैं.
धर्म बाद में मानवता पहले
ऑफिसर एन माली का कहना है कि ऐसा करने से सांप्रदायिक सद्भाव बढ़ता है. उनका भरोसा है कि हर धर्म कुछ अच्छी चीजें सिखाता है. आदमी को सबसे पहले मानवता देखनी चाहिए, उसके बाद धर्म. वे कहते हैं रोजा रखने के बाद से वे खुद को काफी फ्रेश महसूस कर रहे हैं.