अगला उत्तर कोरिया है ईरान, भारत को संबंधों पर पुनर्विचार करना चाहिए: निक्की हेली
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में नियुक्त अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत में ईरान को एक खतरा और अगला उत्तर कोरिया बताया। हेली ने गुरुवार को कहा कि उनका देश भारत को ईरान के साथ अपने संबंधों पर फिर से सोचने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही नई दिल्ली को इस बारे में फैसला करना चाहिए कि वह ईरान के साथ अपना कारोबार जारी रखना चाहता है या नहीं।
संयुक्त राष्ट्र में राजदूत नियुक्त किए जाने के बाद यहां की अपनी प्रथम यात्रा पर आई हेली ने ईरान को धर्म के नाम पर तानाशाही करने वाला एक देश बताया। आपको बता दें कि निक्की हेली संयुक्त राष्ट्र में राजदूत नियुक्त होने के बाद पहली दफा भारत की यात्रा पर आई हैं। हेली ने ईरान को धर्म के नाम पर तानाशाही करने वाला एक देश भी बताया, जो अपने ही लोगों का उत्पीड़न करता है। हेली ने कहा कि ईराना आतंकवाद को आर्थिक मदद करता है और पश्चिम एशिया में टकराव को बढ़ावा देता है।
पाक की दी चेतावनी
अमेरिका ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान से फिर कहा कि वह आतंकवादियों को शरण देने के पाक के रवैये को बर्दाश्त नहीं कर सकता। अमेरिका ने इच्छा जताई कि वॉशिंगटन और नयी दिल्ली को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक अगुवा बनना चाहिये।
भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने पर दिल्ली में अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि दोनों में से कोई भी देश आतंकवादियों को शरण देने और उनका समर्थन करने वाली व्यवस्था के प्रति आंखें नहीं मूंद सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ संबंधों के प्रति रवैया पहले से अलग है।
हेली ने कहा कि यद्यपि पाकिस्तान कई मामलों में अमेरिका का भागीदार है, लेकिन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सरकार या किसी अन्य सरकार के पनाह देने को वह बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउन्डेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 46 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी नागरिक हेली ने कहा, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम पाकिस्तान को पहले की तुलना में अधिक सख्ती से यह संदेश दे रहे हैं और हमें बदलाव की उम्मीद है।
अमेरिका और भारत दोनों के आतंकवाद के दर्द का अनुभव करने की बात पर गौर करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवादियों और उन्हें प्रेरित करने वाली घृणा की विचारधारा को परास्त करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। हेली ने कहा, हमें खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादी नेटवर्क का सफाया करने और आतंकवादियों और उसके प्रायोजकों से परमाणु हथियारों को दूर रखने में हमारी दिलचस्पी है।
निक्की ने कहा, दोनों देशों ने एक दशक पहले खौफनाक मुंबई हमले में अपने नागरिकों को गंवाया। लोकतंत्र के तौर पर अमेरिका और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिये। ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और भारत ने पिछले दशक में आतंकवाद से मुकाबले में अपने सहयोग को बढ़ाया है।
उन्होंने कहा, हम कर सकते हैं तथा हमें अवश्य और प्रयास करना चाहिये। हमें अपनी रक्षा के लिये अपनी राष्ट्रीय शक्ति-आर्थिक, राजनयिक और सैन्य शक्ति के सभी तत्वों का अवश्य इस्तेमाल करना चाहिये। हेली ने कहा कि इसमें आतंकवादी नेताओं और नेटवर्कों को प्रतिबंधित सूची में डालने के लिये संयुक्त राष्ट्र में साथ मिलकर काम करना शामिल है।