अपनी बात नहीं मानने वाली अटॉर्नी जनरल को ट्रंप ने किया बर्खास्त

वॉशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोमवार को कार्यकारी अटॉर्नी जनरल सैली याट्स को बर्खास्त कर दिया। सैली की नियुक्ति ओबामा प्रशासन के समय हुई थी। पिछले हफ्ते ही सैली ने जस्टिस डिपार्टमेंट के अटॉर्नियों को ट्रंप के विवादित इमिग्रेशन आदेश का बचाव नहीं करने का निर्देश दिया था। उनके इस आदेश के कारण राष्ट्रपति ट्रंप की काफी किरकिरी हुई थी। साथ ही, सैली के आदेश की वजह से अमेरिकी सरकार के पास कम से कम अगले कुछ दिनों तक इस मामले से जुड़े मुकदमों के दौरान कोर्टरूम में आधिकारिक तौर पर अपनी बात रखने का अधिकार नहीं है।

वाइट हाउस ने एक बयान जारी कर सैली पर तीखी प्रतिक्रिया की है। वाइट हाउस ने लिखा है, 'सैली देश की सीमाओं पर और गैरकानूनी इमिग्रेशन को लेकर काफी कमजोर रही हैं।' इसके अलावा इस बयान में ट्रंप प्रशासन द्वारा नामांकित अटॉर्नी जनरल जेफ सेशन्स की नियुक्ति को अभी तक मंजूरी नहीं देने के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी की भी आलोचना की गई। नए अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति तक सैली याट्स ही यह पद संभाल रही थीं। उन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी करते हुए वाइट हाउस ने कहा, 'कार्यकारी अटॉर्नी जनरल सैली याट्स ने न्याय विभाग को धोखा दिया है। उन्होंने अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर दिए गए एक कानूनी आदेश को लागू करने से इनकार किया। राष्ट्रपति ट्रंप ने याट्स को उनके पद के हटा दिया है।'

प्रांतीय अभियोक्ता डाना बोंटे अब कार्यकारी अटॉर्नी जनरल का पद संभालेंगी। संसद द्वारा जेफ सेशन्स की नियुक्ति को मंजूरी दिए जाने तक वह इस पद पर रहेंगी। वाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है कि जेफ की नियुक्ति को डेमोक्रैटिक सांसदों ने राजनैतिक कारणों से लटकाया हुआ। मालूम हो कि ट्रंप द्वारा शरणार्थियों और सात मुस्लिम बहुल आबादी के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश करने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस आदेश पर प्रतिक्रिया करते हुए सैली ने डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस स्टाफ को एक मेमो भेजा और उन्होंने इस आदेश की कानूनी वैधता और नैतिकता पर सवाल खड़े किए। सैली ने लिखा, 'मेरी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की भूमिका और कार्रवाई ना केवल कानूनी रूप से सही हो, बल्कि कानून की असली मंशा और व्याख्या के मुताबिक भी हो।'

Leave a Reply