अपोलो अस्पताल ने रचा इतिहास

बिलासपुर । जब कभी हम हार्ट सर्जरी का नाम सुनते है तो मन में एक डरावनी सी तस्वीर बन जाती है. बड़ा सा चीरा, कई सारे टांके, सर्जरी का दर्द, हॉस्पिटल में लम्बे समय तक एडमिशन जैसी कई चीजें हैं जिनके बारे में सोच कर कोई भी डर जायेगा, इसी कारण से कई लोग सर्जरी की जरूरत होते हुए भी इससे कतराते हैं और एक स्वस्थ जीवन से समझौता कर लेते हैं. लेकिन धीरे-धीरे यह बड़ी सर्जरी बीते समय की बात होते जा रही है क्यूंकि समय के साथ मेडिकल साइंस भी प्रगति कर रहा है और मरीजों के बेहतर ईलाज के लिए नई-नई तकनीक विकसित कर रहा है. ऐसी ही एक तकनीक है मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी यानि छोटे धीरे से हार्टसर्जरी. इस तकनीक की बदौलत पहले जहाँ हार्ट सर्जरी के लिए 8 से 10 इंच का चीरा लगाना पड़ता था। इनवेसिव कार्डियक सर्जरीद्ध दूरबीन पद्धति से बिना छाती खोले हृदय की शल्य चिकित्साश् किया जा सकता है। डॉ अनुज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि : रक्त की कम से कम हानि, स्पीडी रिकवरी एवं संक्रमण का कम खतरा इस पद्धति का अव्दितीय बनाता है। मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक सर्जरी एक न्यूनतम जोखिम वाली हार्ट सर्जरी है, पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में इस पद्धति के कई लाभ है। डॉ अनुज कुमार वरिष्ठ हृदय शल्य चिकित्सक अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर द्वारा सफलतापूर्वक इस अनुठी सर्जरी को 57 वर्षीय महिला पर किया गया जो कि संभवत: मध्य भारत की पहली मिनिमलि इनवेसिव कार्डियक सर्जरी है।हृदय शल्य चिकित्सा की यह एक आधुनिक पद्धति है जिसमें पारंपरिक पद्धति के समान छाती की हडिडयों को काटने की एवं छाती को लगभग 10 इंच पूरा खोलने की आवश्यकता नही होती। सिर्फ 5-7 सेमी के छोटे के छेद के माध्यम से संपूर्ण शल्य चिकित्सा संपन्न की जाती है।डॉ अनुज ने बताया की इसके अनेक फायदे है जैसे कम से कम रक्त की हानि, जान की न्यूनतम जोखिम, न्यूनतम संक्रमण की संभावना, लगभग दर्द रहित प्रक्रिया एवं न्यूनतम भर्ती दिनों की संख्या आदि। महिला मरीजों के लिये यह तकनीक अत्यधिक उपयोगी है क्योंकि सामान्य सर्जरी से बनने वाले निशान की तुलना में अत्यधिक छोटा निशान बनता है जो सामान्य तौर पर दिखाई नही देगा।मरीज श्रीमति आभा देवी, उम्र 57 वर्ष, ने बताया कि जब उन्हें पता चला की उनकी ओपन हार्ट सर्जरी होने वाली है तो उन्हें काफी डर लग रहा था लेकिन जब डॉ अनुज कुमार ने उन्हें इस नवीन तकनीक के बारे में बताया तो उन्हें काफी राहत महसूस हुई, तदुपरांत मरीज की सफलतापूर्वक सर्जरी संपन्न हुई।अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के मेडिकल सुपरिटेन्डेट डॉ. वैभव ओत्तलवार ने डॉ. अनुज कुमार एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होने बताया की अपोलो बिलासपुर अंचल के मरीजो एवं यहां के नागरिकों को नवीन चिकित्सा एवं आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध रहा है, इसी कड़ी में न्यूनतम जोखिम वाली कार्डियक सर्जरी जो की बिना छाती को खोले की जाती है, एक मील का पत्थर साबित होगी।इस सफल सर्जरी में डॉ राजीब भंज, वरि. कार्डियोलॉजिस्ट, संजय व पूरी टीम का सहयोग रहा।

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