अमरीकी संसद में H-1B वीजा बिल पेश, इंडियन IT प्रोफेशनल्‍स का US जाना होगा मुश्किल

वाशिंगटनः अमरीकी संसद की प्रतिनिधि सभा में एच1बी वीजा से संबंधित एक नया विधेयक पेश किया गया है। इसमें एच1बी वीजा धारकों के मिनिमम वेज को बढ़ाकर 1.30 लाख डॉलर करने का प्रावधान है। इससे पहले 1989 में एच1बी वीजा धारकों का मिनिमम वेज 60 हजार डॉलर सालाना तय किया गया था। 

इंडियन आईटी प्रोफेशल्‍स का यूएस जाना होगा मुशिकल
– अगर इस बिल पर संसद अपनी मुहर लगाती है तो भारत समेत दुनिया भर के टेक प्रोफेशनल्‍स को अमेरिका में नौकरी पाने में मुश्किल होगी।
– दरअसल बिल के पास होने से एच1बी वीजा होल्‍डर्स को ज्‍यादा सैलरी देनी पड़ेगी।
– इस कीमत पर अमरीका में काम करने वाले आईटी कंपनियां लोकल अमरीकी कर्मचारियों को भी नौकरी पर रख सकती हैं। 
– अभी तक वहां काम करने वाली आईटी कंपनियों को सस्‍ते भारतीय प्रेफेशनल्‍स रखने में सहूलियम थी लेकिन इस बिल के पास होने के बाद उतनी ही सैलरी उन्‍हें भारतीयों को भी देनी पड़ेगी। 
– सेम वेज देने के चलते अमरीकी कंपनियां बेवजह विदेशी कर्मचारियों की लाइबेलिटी उठाने से जरूर बचना चाहेंगी।  
– हाइली इंटेग्रिटी एंड फेयरनेस Act 2017 को अमरीकी संसद के निचले सदन हाउस में पेश किया है। 
– इसे कैलिफोर्निया के कांग्रेस जोए लोफग्रीन ने पेश किया है।  

बिल में क्या बदलाव होने हैं
– बिल में एच1बी अप्‍लीकेशन के लिए मास्‍टर डिग्री में छूट को हटाने की मांग की गई है। इससे मास्‍टर या इसी जैसी दूसरी डिग्री होने पर एडिशनल पेपरवर्क से राहत मिलेगी। 
– अमरीका जाने वाले ज्यादातर आईटी प्रोफेशनल्‍स के पास मास्‍टर डिग्री होती है। इससे उन्हें दूसरे देशों के अप्‍लीकेंट्स के मुकाबले ज्‍यादा तरजीह मिलती है।
– 50 इम्‍प्‍लॉइज से ज्‍यादा वाली कंपनियों में अगर 50 फीसदी एच1बी या एल1 वीजा वाले हैं तो ऐसी कंपनियों को ज्यादा हायरिंग से रोका जाए। 
– एच1बी वीजा की मिनिमम सैलरी 1.3 लाख डॉलर सालाना होनी चाहिए। अभी यह 60 हजार डॉलर सालाना है। 
 

 
 

Leave a Reply