अमिताभ के साथ ‘निशब्द’ जैसी फिल्म से बॉलीवुड डेब्यू करना चाहती हैं भोजपुरी अभिनेत्री अंजना 

मुंबई । भोजपुरी सिनेमा में लगातार एक के बाद एक हिट फिल्म देकर एक्ट्रेस अंजना सिंह ने खुद के लिए सम्मानजनक स्थान बना लिया है। अंजना को नहीं लगता कि भोजपुरी फिल्मों में अश्लीलता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सोच की अश्लीलता है, जिसे एक दिन में दूर नहीं किया जा सकता। अंजना की नजरें अब बॉलीवुड पर लग गई हैं। वह अब बॉलिवुड में किस्मत आजमाना चाहती हैं। वह चाहती हैं कि उन्हें बॉलिवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के साथ 'निशब्द' जैसी किसी फिल्म में काम करने का मौका मिले। 2012 में 'एक और फौलाद' फिल्म से भोजपुरी सिनेमा में कदम रखने वाली अंजना सिंह ने भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता के सवाल पर नाराजगी जताई। अंजना ने कहा यह सवाल बहुत पुराना हो गया है। अब कहीं अश्लीलता नहीं है। उन्होंने कहा उसका अगर कहीं अस्तित्व है, तो वह हमारी सोच में है, जिसे दूर करने में समय लगेगा। 
भोजपुरी सिनेमा को अंजना आगे बढ़ते देख रही हैं और उनका मानना है कि आने वाला समय क्षेत्रीय सिनेमा का ही है। कहती हैं अब देखिए मल्टिप्लेक्स में भी हमारी फिल्में लग रही हैं। हिंदी फिल्में भी भोजपुरी के शब्दों का इस्तेमाल कर रही हैं। उनमें वैसे ही किरदार गढ़े जा रहे हैं। इसे देखने पर साफ लगता है कि हम पीछे कहां जा रहे हैं। हमारी  क्रमश: प्रगति हो रही है। अच्छी भोजपुरी फिल्में बन रही हैं और उन्हें भोजपुरी ही नहीं, पूरे हिंदी क्षेत्र के लोग पसंद भी कर रहे हैं। बॉलिवुड से ऑफर के सवाल पर अंजना कहती हैं बिल्कुल, हर कोई आगे जाना चाहता है। मैं भी हिंदी फिल्में करना चाहती हूं। लेकिन सबका वक्त होता है। मेरा भी वक्त आएगा। अभी तो कोई अच्छा ऑफर नहीं है। पर, जैसे ही आएगा मैं लपक लूंगी। मेरा मन तो अमिताभ जी के साथ काम करने का है। देखते हैं यह सपना कब तक पूरा होता है। 
भोजपुरी सिनेमा में रवि किशन को सबसे बड़ा स्टार बताते हुए अंजना कहती हैं कि आज के समय की बात करें तो पवन सिंह, दिनेश लाल यादव निरहुआ और खेसारी लाल यादव भी बड़े स्टार हो चुके हैं। ये लगातार अच्छी फिल्में कर रहे हैं और भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाई दे रहे हैं। भोजपुरी सिनेमा को अंजना आगे बढ़ते देख रही हैं और उनका मानना है कि आने वाला समय क्षेत्रीय सिनेमा का ही है। कहती हैं अब देखिए मल्टिप्लेक्स में भी हमारी फिल्में लग रही हैं। हिंदी फिल्में भी भोजपुरी के शब्दों का इस्तेमाल या किरदार गढ़ने को मजबूर हैं, तो फिर हम पीछे कहां जा रहे हैं। हम तो आगे बढ़ रहे हैं। अच्छी फिल्में बन रही हैं और लोग पसंद भी कर रहे हैं। 

Leave a Reply