अमेरिका में नहीं दिखने चाहिए सात मुस्लिम मुल्कों के नागरिक: डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एक ऐसे शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जो सात मुस्लिम देशों के शरणार्थियों को आने से रोकने और 'इस्लामी आतंकियों' को अमेरिका से बाहर रखने के लिए’ सघन जांच के नए नियम तय करता है.

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले पेंटागन दौरे में ट्रंप ने इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा है कि मैं इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए सघन जांच के नए नियम स्थापित कर रहा हूं. हम उन्हें यहां देखना नहीं चाहते हैं.

ट्रंप ने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं. हम सिर्फ उन्हीं को अपने देश में आने देना चाहते हैं, जो हमारे देश को सहयोग देंगे और हमारी जनता से गहरा प्रेम करेंगे.'

नए रक्षामंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) जेम्स मैटिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस के साथ खड़े ट्रंप ने कहा है कि हम 9/11 के सबक को और पेंटागन में शहीद हुए नायकों को कभी नहीं भूलेंगे. वे हममें से सर्वश्रेष्ठ थे. हम उनका सम्मान सिर्फ अपने शब्दों से ही नहीं, बल्कि हमारे कार्यों से भी करेंगे. आज हम वही कर रहे हैं.

शासकीय आदेश ‘विदेशी आतंकी के अमेरिका में प्रवेश से देश की सुरक्षा’ कहता है कि 9/11 के बाद अमेरिका ने जो कदम उठाए, वे आतंकियों का देश में प्रवेश रोकने में कारगर नहीं रहे हैं. इसमें कहा गया है कि विदेशों में जन्मे बहुत से लोगों को 11 सितंबर 2001 के बाद से आतंकवाद संबंधी गतिविधियों में या तो दोषी करार दिया गया है या आरोपी बनाया गया है.

इनमें वे विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जो अमेरिका में पर्यटक, छात्र या रोजगार वीजा लेकर आए थे या फिर अमेरिका में शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम के तहत यहां आए थे. इसमें कहा गया कि कई देशों में युद्ध, भुखमरी, आपदा और असैन्य अशांति से बिगड़ती स्थिति के कारण यह आशंका बढ़ गई है कि आतंकी अमेरिका में दाखिल होने के लिए कोई भी माध्यम अपनाएंगे.

इसमें कहा गया कि वीजा जारी करते समय अमेरिका को सतर्क रहना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन्हें मंजूरी दी जा रही है, उनका इरादा अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने का न हो और उनका संबंध आतंकवाद से न हो.

यह आदेश अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम को 120 दिन के लिए तब तक निलंबित करता है जब तक इसे ‘सिर्फ उन देशों के नागरिकों के लिए’ पुनर्भाषित न कर दिया जाए जिनकी ट्रंप के कैबिनेट के सदस्यों के अनुसार उनकी पूरी तरह जांच की जा सकती है. यह आदेश इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन के सभी लोगों को 30 दिन तक अमेरिका में दाखिल होने से रोकता है.

विश्व नेताओं से फोन पर बात करेंगे ट्रंप

वहीं, व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शनिवार को रूस, जर्मनी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं से फोन पर बात करेंगे. ट्रंप सबसे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे को फोन करेंगे और उसके बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत करेंगे. बाद में दिन के समय ट्रंप फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कल टर्नबुल से फोन पर बात करेंगे.

व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप शनिवार को कई शासकीय आदेशों पर भी हस्ताक्षर करेंगे. पिछले शुक्रवार को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद से अभी तक ट्रंप कनाडा, मेक्सिको, मिस्र और इस्राइल के नेताओं से बात कर चुके हैं. ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी फोन पर बातचीत कर चुके हैं.

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