आखिरी संदेश में बोले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, देश को फिर से अहिंसा का पाठ पढ़ाने की जरूरत

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को कल उनके कार्यकाल के आखिरी दिन विदाई दी जा चुकी है. आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बतौर राष्ट्रपति देश को आखिरी बार संबोधित किया. उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दी. देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने हर क्षेत्र के लोगों से काफी कुछ सीखा.

उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विविधता भारत को खास बनाती है. देश में बढ़ रही हिंसा पर चिंता जताते हुए मुखर्जी ने कहा कि देश को फिर से अहिंसा का पाठ पढ़ाने की जरूरत है.

अपने कार्यकाल के आखिरी दिन राष्ट्रपति ने कहा कि मैं देश के लोगों के इतने प्यार के लिए हमेशा उनका आभारी रहूंगा.

कल हुए अपने विदाई समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कई मुद्दों पर बात की थी. उन्होंने कहा था मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ सीखा है. मेरे करियर को इंदिरा गांधी ने दिशा दी. मुझे इस लोकतंत्र के मंदिर ने तैयार किया है. देश की एकता संविधान का आधार है.

राष्ट्रपति ने कहा था कि जीएसटी पास होना परिपक्व लोकतंत्र की निशानी है. संसद में बिना बहस के पास हुआ बिल जनता के साथ धोखा है. संसद में व्यवधान सरकार के ज्यादा विपक्ष के लिए नुकसानदायक है. भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग संविधान की छत्रछाया में रहते हैं. वरिष्ठ सदस्यों के भाषणों से मैंने सीख ली. शानदार कार्यक्रम के लिए उन्होंने सभी को शुक्रिया कहा.

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