आखिरी स्टॉप तक नहीं जा रही लो फ्लोर बसें 

भोपाल । राजधानी के उपनगर कोलार क्षेत्र के कई गांवों को लो फ्लोर बसों की सुविधा नहीं मिल रही है। इससे इन गांवों के हजारों की संख्या में यात्री असुविधा का सामना करने को मजबूर है। करीब डेढ़ साल पहले भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) ने कोलार में चलने वाली लो फ्लोर बसों का आखिरी बस स्टॉप बैरागढ़ चीचली से बढ़ा कर कजलीखेड़ा कर दिया था, लेकिन लो फ्लोर बसें आखिरी बस स्टॉप तक नहीं जा रहीं हैं। बैरागढ़ चीचली से ही लो फ्लोर बसें वापस लौट आती हैं। इससे कजलीखेड़ा, थुंआखेड़ा, कालापानी, गोल गांव, बोरदा सहित एक दर्जन गांवों के लोगों को लो फ्लोर बसों की सुविधा नहीं मिल रही। मजबूरी में पैदल चलकर या किसी दुपहिया वाहन चालक से लिफ्ट मांग कर बैरागढ़ चीचली तक आकर लो फ्लोर बसों में सफर करना पड़ता है। स्थानीय निवासी पंकज शर्मा, विकास साहू सहित अन्य लोगों की शिकायत है कि सुबह-शाम तो इक्का-दुक्ता लो फ्लोर बसें कजलीखेड़ा तक आ भी जाती हैं, लेकिन दोपहर 12 से 4 बजे के बीच अधिकतर बसें कजलीखेड़ा बस स्टॉप पर आने की बजाय बैरागढ़ चीचली से ही वापस लौट जाती हैं। बैरागढ़ चीचली पर दो से तीन बसें लाइन से खड़ी रहती हैं, लेकिन एक भी कजलीखेड़ा तक नहीं जातीं। गौरतलब है कि कोलार क्षेत्र में एसआर-4, 8 और टीआर-1 बस बस का संचालन होता है। एसआर-4 कजलीखेड़ा से भोपाल रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-6 से होते हुए करोंद चौराहा तक जाती हैं। एसआर-8 हबीबगंज रेलवे स्टेशन से होते हुए भोपाल रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-1 की तरफ होते हुए कोच फेक्ट्री तक संचालित होती है। वहीं टीआर-1 हलालपुर जाती है। यह तीनों मार्गों की बसें कोलार के आखिरी बस स्टॉप कजलीखेड़ा तक नहीं जातीं। कोलार रोड पर लगे 20 से 25 हजार आबादी को लो फ्लोर बसों की सुविधा नहीं मिल पा रही। 
    कोलार नहर चौराहे से कजलीखेड़ा तक लो फ्लोर बसें सड़क पर ही खड़ रहती हैं। अतिक्रमण के कारण साइड में इतनी जगह नहीं कि बसें खड़ी हो सकें। सड़क पर लो फ्लोर बसें खड़ी होने से अन्य वाहनों को निकलने में परेशानी होती है। जिससे पीक ऑवर समय में जाम की स्थिति बनती है। इतना ही नहीं कोलार नहर चौराहे से लेकर कजीखेड़ा के बीच में सिर्फ भोज मुक्त विवि, बीमाकुंज पर टीन शेड का बस स्टॉप है। बाकी जगह बस स्टॉप के नाम पर सिर्फ बोर्ड लगे हैं। यात्रियों को खड़े होकर ही लो फ्लोर बसों का इंतजार करना पड़ता है। वहीं कजीखेड़ा, थुंआखेड़ा, बोरदा सहित अन्य गांवों के लोगों को धूप में लो फ्लोर बसों का इंतजार करना पड़ता है। दिन में जब कजलीखेड़ा तक बसें नहीं आती तो लोगों को परेशान होकर ढाई से तीन किमी की दूरी तय कर लो फ्लोर बसों को पकड़ना पड़ता है। लो फ्लोर बसें आखिरी बस स्टॉप कजलीखेड़ा तक जाती हैं कि नहीं। यह जांच करने के लिए बीसीएलएल के डायरेक्टर सहित जिम्मेदार अधिकारियों ने चेकिंग अभियान नहीं चलाया। शुरुआत में क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा ने बैरागढ़ चीचली से कजलीखेड़ा तक लो फ्लोर में बस में सफर किया। साथ ही कजलीखेड़ा तक बसों का संचालन शुरू कराने की वाहवाही लूटी। अब वह भी देखने नहीं आ रहे हैं कि कजलीखेड़ा तक बसों का संचालन हो रहा है कि नहीं। इससे लोगों को लो फ्लोर बसों की सुविधा नहीं मिल पा रही। लोग परेशान हो रहे हैं। इस बारे में बीसीएलएल डायरेक्टर केवल मिश्रा का कहना है कि आदर्श चुनाव आचार संहित हटने के बाद कोलार में संचालित लो फ्लोर बसों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान कजलीखेड़ा तक जाने की बजाय बैरागढ़ चीचली से लौटने वाली बसों पर कार्रवाई की जाएगी। सभी लो फ्लोर बसों के ड्राइवर व कंडक्टरों को आखिरी बस स्टॉप तक बसें ले जाने के सख्त निर्देश हैं।

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