आज से होगा काली रातों का आरंभ, 13 अप्रैल तक रहें सावधान

14 मार्च, मंगलवार से मीन माह का आरंभ हो रहा है, जिसका विश्राम 13 अप्रैल, गुरुवार को होगा। जिस परम धाम गोलोक को पाने के लिए ऋषि तपस्या करते हैं, वही दुर्लभ पद मीन माह में स्नान, पूजन, अनुष्ठान व दान करने वाले को सरलता से प्राप्त हो जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में गुरु की राशि में सूर्य का गोचर मीन मास अर्थात खर मास कहलाता है। इसे मीन मास या फिर काली रात भी कहा जाता है। इन दिनों पर कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य का जब-जब गुरु की राशि धनु व मीन में परिभ्रमण होता है अथवा जब कभी भी धनु व मीन संक्रांति होती है, वह मीन मास कहलाती है। मीनमास में मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं परंतु मीनमास में भक्ति, साधना व उत्सव का क्रम जारी रहता है। 

–– ADVERTISEMENT ––


शास्त्रीय मान्यता के अनुसार इस मास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, चौलकर्म, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, ग्रह प्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं परंतु दान-पुण्य का हज़ार गुना फल मिलता है। शास्त्रों के अनुसार इस मीन मास में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपने नित्यकर्म से निवृत्त हो जाना चाहिए और यथा संभव भगवान विष्णु के नाम का जाप करना चाहिए। इन दिनों पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए साथ ही गौ दान, ब्राह्मण की सेवा, दान आदि देने से अधिक फल मिलता है।

Leave a Reply