आदित्य का सियासी करियर संभालने में जुटे प्रशांत किशोर

मुंबई । चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) अब शिवसेना यूथ विंग के मुखिया और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के राजनीतिक करियर को संवारने में जुट गए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राजनीति में आदित्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रशांत ने कई तरह की रणनीति तैयार की है। विधानसभा चुनाव से पहले आदित्य ठाकरे की तरफ से जन आशीर्वाद यात्रा निकालना भी इसी रणनीति का एक हिस्सा है। 
लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में ही प्रशांत किशोर ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य से मुलाकात की थी। हालांकि तब भाजपा और शिवसेना के बीच संबंध सहज नहीं थे और चर्चा थी कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर जदयू उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उद्धव और आदित्य के निकट गए हैं। 
ऐसे में अब जिस तरह से प्रशांत किशोर आदित्य को संवारने में जुटे हैं, उससे यह साफ हो जाता है कि उस समय उनकी मुलाकात का मकसद आने वाले विधानसभा में शिवसेना के लिए रणनीति तैयार करने का था। इसी रणनीति को अब प्रशांत जमीन पर उतार रहे हैं। चर्चा है कि इस बार आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में उतने वाले हैं। वह पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हो सकते हैं। पार्टी ने भी पिछले दिनों कहा था कि गठबंधन (भाजपा के साथ) सरकार में इस बार मुख्यमंत्री का पद उसके हिस्से में आना है। ऐसे में शिवसेना इस पूरे चुनाव के दौरान आदित्य ठाकरे को एक परिपक्व नेता के रूप में जनता के सामने पेश करना चाहती है। इसमें प्रशांत किशोर की भूमिका काफी अहम रहने वाली है। 
उल्लेखनीय है कि सन 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ही भाजपा के रणनीतिकार थे। उन्हीं के कारण नरेंद्र मोदी भारी बहुमत से सरकार बनाने में सफल रहे थे। इतना ही नहीं बिहार में जब भाजपा और जेडीयू एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में थे, प्रशांत ही थे जिन्होंने नीतीश और लालू यादव की जोड़ी को सत्ता तक पहुंचा दिया था। हाल ही में संपन्न आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी प्रशांत ने जगन मोहन रेड्डी के लिए रणनीति तैयार की, जिसके नतीजे काफी सुखद रहे। वाईएसआर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की और जगनमोहन रेड्डी आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 

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