आधार को जरूरी बनाना सुरक्षा के लिए खतरा, मोदी को जल्द लेटर लिखूंगा: स्वामी

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बाद अब बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी आधार नंबर के खिलाफ खड़े हो गए हैं। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कहा कि आधार को जरूरी बनाया जाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इसके लिए नरेंद्र मोदी को जल्द लेटर लिखूंगा। मुझे भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट इसे गैर-जरूरी करने के लिए कदम उठाएगा। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने के खिलाफ दायर पिटीशन पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कोई राज्य केंद्र के कानून को कैसे चुनौती दे सकता है? अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कोई दिक्कत है तो वह इस मामले में खुद पिटीशन फाइल करें। बता दें कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि 23 मार्च तक सभी मोबाइल फोन यूजर्स अपने मोबाइल नंबरों को आधार से लिंक करा लें।

ममता बनर्जी ने कहा- SC के आदेश का मैं सम्मान करती हूं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ममता ने कहा कि अगर इस मामले में कोर्ट कह रहा है कि मुझे निजी तौर पिटीशन दाखिल करने की जरूरत है तो मैं इसका आदर करती हूं।

इससे पहले, 25 अक्टूबर को केंद्र सरकार की पॉलिसीज पर ममता ने कहा था, "मैं बिल्कुल ऐसा नहीं करूंगी, चाहे मोबाइल कनेक्शन बंद हो जाए। मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों से कहूंगी कि वे इसी तरह अपना विरोध जताएं। मोबाइल को आधार से लिंक कराना प्राइवेसी में दखलंदाजी है। इससे पति-पत्नी के बीच निजी बातचीत भी पब्लिक हो जाएगी। जबकि कुछ निजी मामले ऐसे होते हैं, जिन्हें पब्लिक नहीं किया जा सकता।"

इसके साथ ही SC ने केंद्र को 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने के लिए कहा। टेलिकॉम कंपनियों को भी नोटिस जारी किया है। अब ममता सरकार पिटीशन में जरूरी बदलाव कर इसे दोबार सौंपेगी।

DoT के नोटिफिकेशन को चुनौती

टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराने को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसे अदालत में चुनौती दी गई है। तहसीन पूनावाला ने पिटीशन फाइल कर डिपार्टमेंट के 23 मार्च वाले नोटिफिकेशन पर सवाल उठाए है। पिटीशनर ने DoT के नोटिफिकेशन को असंवैधानिक करार दिया है।

पिछले महीने सामने आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जो सिम कार्ड्स आधार से लिंक नहीं होंगे, उन्हें फरवरी 2018 के बाद डिएक्टीवेट किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्या सलाह दी थी?

 

इस साल 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह 100 करोड़ से ज्यादा लोगों (भावी मोबाइल फोन कंज्यूमर्स) के पहचान की जांच के लिए एक मैकेनिज्म सालभर के अंदर तैयार करे। सुप्रीम कोर्ट ने लोक नीति फाउंडेशन की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए यह सलाह भी दी थी कि कुल मोबाइल यूजर्स के 90% मौजूदा प्री-पेड मोबाइल यूजर्स से कहा जा सकता है कि वे रिचार्ज के वक्त या नए सिम कार्ड लेते वक्त अपनी पहचान से जुड़ी जानकारी दें।

सरकार की 135 स्कीम्स के लिए आधार नंबर जरूरी

 

न्यूज एजेंसी ने एक रिपोर्ट में बताया था कि 35 मिनिस्ट्री की 135 स्कीम्स के लिए आधार को लिंक कराना जरूरी किया जा रहा है। इन स्कीम्स के तहत गरीब महिलाओं को कुकिंग गैस, केरोसीन और फर्टिलाइजर पर सब्सिडी मिलती है। पहले कहा गया था कि इन स्कीम्स का लाभ लेने के लिए 30 सितंबर तक आधार नंबर होना जरूरी है।अब यह डेडलाइन 31 दिसंबर कर दी गई है।

118 करोड़ आधार नंबर जारी

 

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट के अनुसार देश में करीब 118 करोड़ लोगों को आधार कार्ड मुहैया कराया जा चुका है। यह तादाद देश की जनसंख्‍या का करीब 98% है। फाइनेंस मिनिस्‍ट्री के मुताबिक, भवि‍ष्‍य में पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड का ही इस्‍तेमाल कि‍या जाएगा।

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