उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: बंपर वोटिंग के बाद दिग्गजों का भविष्य ईवीएम में कैद

उत्तराखंड में आज चौथी विधानसभा के चुनाव एक ही चरण में संपन्न हो गए. करीब 68 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. उत्तरकाशी, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में बंपर वोटिंग हुई. उतराखंड में अभी तक हुए विधानसभा चुनाव में यह सर्वाधिक मत प्रतिशत रहा. 70 में से 69 सीटों पर मतदान पूरा हो गया है. एक सीट पर 9 मार्च को मतदान होगा. इसके साथ ही 628 उम्मीदवारों का ईवीएम में कैद हो गया है.

राज्य में चौथी विधानसभा के गठन के लिए बुधवार को चुनाव हुए. 70 में से 69 विधानसभा सीटों के लिए 75,12,559 मतदाताओं में से 68 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. आज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान चला.

उत्तराखंड में 5 बजे तक 68 फीसदी मतदान हुआ. अगर जिलेवार देखें तो

पौड़ी में 60, टिहरी 60, उत्तरकाशी 73, रुद्रप्रयाग 63, ऊधमसिंहनगर 70, अल्मोड़ा 52, नैनीताल 70, हरिद्वार 70, पिथौरागढ़ 60, चमोली 61, बागेश्वर 62, चंपावत 62, देहरादून में 66 फीसदी मतदान हुआ.

राज्य में अधिकतर सीटों पर कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर है. राज्य गठन के बाद ये दोनों पार्टियां ही बारी-बारी सत्ता में काबिज हुई हैं. आज 628 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया. 628 में 60 महिला उम्मीदवार भी मैदान में हैं. इसके अलावा एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार भी मैदान में है.

राज्य में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं. लेकिन कर्णप्रयाग में बीएसपी प्रत्याशी की मौत के चलते आज 69 सीटों के लिए ही वोटिंग हुई है. कर्णप्रयाग सीट पर चुनाव 9 मार्च को होगा.

खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत उधमसिंहनगर की किच्छा और हरिद्वार की ग्रामीण सीट से यानि दो जगह चुनाव लड रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहसपुर सीट से चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट अपनी पारंपरिक रानीखेत से ताल ठोक रहे हैं. जबकि विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह सिंह कुंजवाल अपनी पारंपरिक जागेश्वर सीट से चुनावी मैदान में हैं.

पिछली दफा चुनाव हारे यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष पुष्पेश त्रिपाठी द्वारहाट से फिर भाग्य आजमा रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी से निकले बागी भी करीब डेढ दर्जन सीटों पर ताल ठोक रहे हैं.

कांग्रेस छोडकर बीजेपी में शामिल हुए पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की कोटद्वार और बाजपुर में यशपाल आर्य और चौबट्टाखाल में सतपाल महाराज की अग्निपरीक्षा है. पूर्व सीएम बीसी खंडूरी की बेटी रितू खंडूरी के चुनाव लडने से यमकेश्वर में सबकी नजरे हैं. इसी तरह पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा सितारगंज से किस्मत आजमा रहे हैं.

खास बात ये है कि बीजेपी ने चौबटटाखाल और यमकेश्वर में मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर महाराज और रितू को मौका दिया है. भारतीय जनता पार्टी के लिए कांग्रेस के बागियों वाली सीटें पर भी नजरें रहेंगी. क्योंकि वहां भीतरघात की आशंका है. वहीं कांग्रेस के सामने बागियों के जाने के बाद उनके विकल्प में उतारे नए उम्मीदवारों को जीताना बडी चुनौती है.

गौरतलब है कि उत्तराखंड का पूरा चुनाव प्रचार कांग्रेस की तरफ मुख्यमंत्री हरीश रावत और भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित रहा है. जहां कांग्रेस रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके चुनावी मैदान में उतरी. वहीं भारतीय जनता पार्टी बिना चेहरे के नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांग रही थी.

मुख्य मुकाबलों में सीएम हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण और ऊधमसिंह नगर से मुकाबले में है. भाजपा के सतपाल महाराज पौड़ी की चौबट्टाखाल और हरक सिंह कोटद्वार से ताल ठोक रहे हैं. विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा सितारगंज, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहसपुर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखे से मैदान में हैं.

अब जब सभी उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है, तो 11 मार्च तक परिणामों का इंतजार करना होगा. तब तक कयासबाजी का दौर चलता रहेगा.

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