एफएटीएफ की बैठक आज, पाकिस्तान को पर होगा बढ़ा फैसला

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के लिए दिन अहम होने वाला है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) 19-21 अक्टूबर के दौरान होने वाली पूर्ण बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर अंकुश लगाने के पाकिस्तान के प्रयासों की समीक्षा करेगा।जून में अपनी आखिरी वर्चुअल बैठक में बहुपक्षीय निगरानी संस्था ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के नेताओं की पर्याप्त जांच और मुकदमा चलाने में विफल रहने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा।साथ ही देश से मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए एक नई कार्य योजना को लागू करने को कह दिया है।एफएटीएफ की गुरुवार को होने वाली बैठक हाइब्रिड फॉर्मेट में आयोजित होगी।ये संस्था पाकिस्तान सहित ग्रे लिस्ट में रखे गए मुल्कों पर अपना अपेडेटेड बयान जारी करेगी।ग्रे लिस्ट में शामिल सभी देशों के पास मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के उपायों में रणनीतिक कमियां हैं।निगरानी संस्था ने कहा, तीन दिनों तक चलने वाली बैठक में पेरिस से बैठक ज्वाइन करने वाले लोग बाकी के प्रतिनिधियों से वर्चुअली जुड़ने वाले है। ये बैठक तीन दिनों तक चलेगी और इसमें अपराध और आतंक को बढ़ाने के लिए होने वाले वित्तीय फ्लो के खिलाफ मजबूत वैश्विक कार्रवाई के प्रमुख मुद्दों को चर्चा की जाएगी।
दरअसल, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ’ग्रे’ लिस्ट में शामिल करने के बाद 27 पॉइंट का एक्शन प्लान दिया था, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने से जुड़ा था। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के हालिया पूर्ण अधिवेशन के अंत में जारी अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान ने एफएटीएफ द्वारा प्रस्तावित 27 पॉइंट के एक्शन प्लान में कुछ काम किया है। पाकिस्तान ने 21 पॉइंट पर काम किए हैं।हालांकि, पाकिस्तान को ‘ग्रे’ लिस्ट में बरकरार रखते हुए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा कि अभी भी 6 विषयों को संबोधित करना बाकी है, इसलिए पाकिस्तान को 27 पॉइंट के एक्शन प्लान को पूरा करने के लिये फरवरी 2021 तक का समय दिया गया था। लेकिन इसके बाद पाकिस्तान ने काम नहीं किया।

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